Farmers Protest: शंभू रेलवे स्टेशन पर डटे किसान, ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित, 53 ट्रेनें कैंसिल 23 के रुट डायवर्ट

Farmers standing at Shambhu railway station
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शंभू रेलवे स्टेशन पर डटे किसान। 
अंबाला में शंभू बॉर्डर पर किसान रेलवे ट्रैक पर जमे रहे। रेलवे ने 18 व 19 अप्रैल को 53 ट्रेनों को कैंसिल किया। 12 ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनस, 23 ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए।

Ambala: शंभू बॉर्डर पर डटे किसान वीरवार को भी रेलवे स्टेशन के ट्रैक पर जमे रहे। रेलवे ट्रैक जाम होने की वजह से हरियाणा से पंजाब और जम्मू-कश्मीर जाने वाली ट्रेनों की आवाजाही बुरी तरह से प्रभावित रही। इसकी वजह से यात्रियों को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। रेलवे प्रशासन ने कई ट्रेनों को जहां कैंसिल करना पड़ा तो कई ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए गए। पंजाब और जम्मू-कश्मीर जाने वाली ट्रेन वाया चंडीगढ़ से होते हुए लुधियाना जंक्शन पर पहुंच रही है। रूट डायवर्ट के चलते ट्रेन में आधा घंटा अतिरिक्त समय लग रहा है।

रेलवे ने 53 ट्रेनों को किया रद्द

रेलवे ने वीरवार को लिस्ट जारी की हैं, जिसमें 18 व 19 अप्रैल को चलने वाली 53 ट्रेनों को कैंसिल किया गया है। 12 ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनस, 23 ट्रेनों के रूट डायवर्ट किए गए हैं। अंबाला डिविजन के सीनियर डीसीएम नवीन कुमार ने बताया कि किसानों द्वारा शंभू स्टेशन पर रेल ट्रैक जाम किया हुआ है, जिसकी वजह से काफी सारी ट्रेन प्रभावित हुई हैं। रेलवे रूट डायवर्ट करके पंजाब और जम्मू-कश्मीर तक ट्रेन पहुंचा रहा है। पंजाब और चंडीगढ़ से आने वाली ट्रेन भी लुधियाना से वाया चंडीगढ़ होते हुए अंबाला कैंट पहुंच रही हैं। जो ट्रेन कैंसिल हुई है। ऐसे में टिकट कैंसिल होने पर यात्री को पूरी तरह रिफंड दिया जाएगा। यात्रियों के लिए स्टेशन पर 5 पूछताछ केंद्र बनाए गए हैं। किसान सरकार से युवा नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा समेत 3 किसानों की रिहाई की मांग कर रहे हैं।

किसानों ने 16 अप्रैल तक का सरकार को दिया था समय

किसानों की हरियाणा और पंजाब सरकार से मीटिंग हुई थी, जिसके बाद रिहाई का भरोसा मिला था। किसानों ने सरकार को 16 अप्रैल तक का समय दिया था। सरकार ने रिहाई नहीं की तो किसान रेलवे ट्रैक पर आ गए। किसान आंदोलन की अगुआई कर रहे किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि बुधवार दोपहर साढ़े 12 बजे से धरना चल रहा है। ये धरना आगे भी चलता रहेगा। एक राउंड की बात डीआईजी रेंज पटियाला और एसएसपी पटियाला से हुई लेकिन सहमति नहीं बनी। उसके बाद कोई बात नहीं हुई। किसानों को आसानी से रिहा किया जा सकता है लेकिन हरियाणा और केंद्र की सरकार अहंकारी है। ये हरियाणा को उठने नहीं देना चाहते। नौजवानों को इस लहर में शामिल होने से रोक रहे हैं।

सरकार ने भरोसा देकर नहीं किया किसानों को रिहा

सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि हम नहीं चाहते रेलवे ट्रैक जाम हों, लेकिन केंद्र सरकार इसके लिए हमें मजबूर कर रही है। किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने कहा कि सरकार ने भरोसा देकर भी उन्हें रिहा नहीं किया। हमारा किसान साथी जेल में मरणव्रत पर बैठा है। जब तक सरकार उसे रिहा नहीं करती, हम ट्रैक खाली नहीं करेंगे। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा एवं किसान-मजदूर मोर्चा के आह्वान पर 13 फरवरी से किसान आंदोलन चल रहा है। पुलिस ने कई किसान नेताओं को गिरफ्तार भी किया। पहले पुलिस ने अनीश खटकड़ को गिरफ्तार किया। वह जींद जेल में बंद हैं। 28 मार्च को अंबाला पुलिस ने युवा किसान नेता नवदीप सिंह जलबेड़ा और गुरकीरत सिंह को गिरफ्तार किया। ये दोनों अंबाला सेंट्रल जेल में हैं।

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