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हरियाणा के बहादुरगढ़ में किसानों को रोकने के लिए बहादुरगढ़ बाइपास से लेकर टिकरी बॉर्डर तक सड़क को कंक्रीट दीवारों, सीसी ब्लॉकों, कंटेनरों, अवरोधकों और कंटीले तारों से सील कर दिया है।

Bahadurgarh: हरियाणा पंजाब सीमा पर बीते सात दिनों से डटे किसान एक बार फिर दिल्ली कूच के लिए कमर कस रहे हैं। ताजा ऐलान के अनुसार आंदोलनकारी किसान बुधवार को दिल्ली कूच करेंगे। किसानों को रोकने के लिए हरियाणा और दिल्ली पुलिस ने टिकरी व झाड़ोदा बॉर्डर पर तगड़े इंतजाम किए हैं। बहादुरगढ़ बाइपास से लेकर टिकरी बॉर्डर तक सड़क को कंक्रीट दीवारों, सीसी ब्लॉकों, कंटेनरों, अवरोधकों और कंटीले तारों से सील कर दिया है। इसके साथ ही राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किया गया है।

एमएसपी गारंटी कानून पर नहीं बन पाई सहमति

बता दें कि किसान नेताओं और केंद्र सरकार के बीच एमएसपी गारंटी कानून सहित कई मांगों पर सहमति नहीं बन पाई है। जिसके बाद किसान संगठनों ने 21 फरवरी से दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है। इसे लेकर एक तरफ जहां किसान पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर तैयारियां कर रहे हैं। वहीं पुलिस-प्रशासन दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर भी तैयारियों को मजबूत करने में जुट गया है। प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल और पैरामिलिट्री के जवानों को तैनात कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस द्वारा टिकरी बॉर्डर के पास मल्टी लेयर बेरिकेटिंग की गई है। यहां 6 एसीपी भी तैनात हैं। कंक्रीट व लोहे के बैरिकेड्स लगाए गए हैं। सीमेंट की दीवारें खड़ी की गई है।

अर्ध सैनिक बलों की 11 कपंनियों को किया तैनात 

पंजाब हरियाणा की सीमाओं पर नुकीले तारों को बिछाकर किसानों को रोकने की तैयारी की गई है। इतना ही नहीं, कई जगहों पर बड़े-बड़े कंटनेर रखे गए हैं ताकि किसान किसी भी तरह दिल्ली में प्रवेश न कर सके। हरियाणा पुलिस ने भी बहादुरगढ़ बाइपास पर इसी तरह की तैयारी की है। दिल्ली में किसानों की एंट्री रोकने के लिए सेक्टर-9 मोड़ पर भी सड़क दोनों तरफ से सील कर दी गई है। यहां पुलिस ने आंसू गैस के गोले, लाठी और नुकीले बेरिकेड्स आदि का भी इंतजाम कर रखा है। हरियाणा पुलिस के साथ ही अर्ध सैनिक बलों की 11 कंपनियां भी तैनात हैं।

सरकार के प्रस्ताव को किसानों ने किया खारिज 

बता दें कि रविवार को किसान नेताओं और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच चौथे राउंड की बातचीत हुई थी। इससे पहले 8, 12 और 15 फरवरी को भी बातचीत हुई थी। लेकिन सरकार के ताजा प्रस्ताव को भी किसानों ने खारिज करते हुए 21 फरवरी को दिल्ली कूच का ऐलान किया। किसानों की सबसे बड़ी मांग एमएसपी पर कानूनी गारंटी की है। स्वामीनाथन आयोग ने किसानों को उनकी फसल की लागत का डेढ़ गुना कीमत देने की सिफारिश की थी। आयोग की रिपोर्ट आने के 18 साल बाद भी इसकी सिफारिशों को लागू नहीं किया गया। चूंकि किसानों ने बुधवार को दिल्ली कूच करने का ऐलान किया है। इसे देखते हुए टिकरी व झाड़ोदा बॉर्डर पर भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

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