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किसान आंदोलन के चौथे दिन शुक्रवार को पहले दो दिन संघर्ष का केंद्र बने रहे शंभू व दातासिंहवाला बार्डर पर तनाव के बीच शांति बनी रही। हालांकि निहंगों ने रात को शंभू बार्डर पर दीवार फांदकर शांति भंग करने का प्रयास किया। जिन्हें सुरक्षाबलों ने आंसू गैस व प्लास्टिक की गोलियां का प्रयोग कर रोक दिया। इस दौरान दो निहंगों के घायल होने की सूचना है। शंभू बार्डर पर पंजाब के एक बुजुर्ग किसान व जीआरपी के एक एएसआई की मौत हो गई।

Kisan Andolan। शुक्रवार को किसान आंदोलन के चौथे दिन शंभू बार्डर पर पंजाब के एक वृद्ध किसान और हरियाणा के पानीपत निवासी जीआरपी के एएसआई की मौत हो गई। पंजाब से आए कुछ निहंगों ने शंभू बार्डर पर रात को सुरक्षा दीवार फांदकर हरियाणा में प्रवेश करने की कोशिश की। जिसे सुरक्षा कर्मियों ने आंसू गैस व प्लास्टिक की गोलियों का प्रयोग कर विफल कर दिया। इस दौरान दो निहंगों के घायल होने की सूचना है। हालांकि इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। इन घटनाओं को छोड़कर पहले दो दिन आंदोलन के दौरान किसानों व सुरक्षाबलों की झड़प के केंद्र बने रहे शंभू और दातासिंहवाला बार्डर पर तनाव के बीच शांति बनी रही।

किसान ज्ञान सिंह व एएसआई हीरालाल की गई जान

पंजाब के गुरदासपुर के रहने वाले वृद्ध किसान ज्ञान सिंह शहीद भगत सिंह संगठन से जुड़े हुए हैं तथा शुरू से ही किसान आंदोलन का हिस्सा रहे हैं। बताया जाता है कि 13 व 14 फरवरी को पहले दो दिन शंभू बार्डर पर किसानों व सुरक्षा बलों के बीच हुई भिड़ंत में आंसू गैस के प्रयोग से तबीयत बिगड़ने के बाद ज्ञान सिंह अपने घर चला गया था। जहां अब उनकी मौत होने की सूचना है। पानीपत के चुकलाना निवासी एएसआई हीरालाल समालखा जीआरपी चौकी में कार्यरत हैं। फिलहाल उनकी ड्यूटी शंभू बार्डर पर लगी हुई है। जहां उनकी मौत हो गई। हालांकि किसान व जीआरपी के एएसआई की मौत के कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाए हैं, परंतु दो मौतों से अब आंदोलन स्थल पर माहौल अलग दिख रहा है।

अब रविवार की बातचीत पर निगाह

वीरवार को आंदोलनकारी किसानों व केंद्रीय मंत्रियों के बीच चंडीगढ़ में दूसरे दौर की बातचीत हुई। जिसमें कोई परिणाम नहीं निकल पाया तथा अगली बातचीत के लिए रविवार का दिन निर्धारित किया। ऐसे में केंद्र सरकार व किसानों के बीच हुई पहले दो दौर की बातचीत विफल होने के बाद अब रविवार को होने वाली बातचीत पर सभी की निगाह लगी हुई हैं।

चर्चाओं में रही हरियाणा के मुख्यमंत्री की सलाह 

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीरवार को आंदोलनकारी किसानों को हरियाणा की तर्ज पर 12 फसलों पर एमएसपी और अन्य सुविधाएं मांगने की सलाह भी चर्चा का केंद्र बनी रही। मनोहर लाल ने कहा था कि किसान हित की बात करने वाली आप नेता अरविंद केजरीवाल व पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से हरियाणा की तर्ज पर एमएसपी व अन्य सुविधाएं लेने की सलाह दी थी। ताकि पंजाब के किसानों की अधिकतर समस्याओं का पंजाब के सतर पर ही समाधान हो सके। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी के चुनाव लड़कर संसद में किसानों के मुद़दे उठाने का समर्थन करते हुए चढ़ूनी की प्रशंसा की थी। हरियाणा के किसानों की तरफ से उठाई गई पहले एसवाईएल का पानी दो, फिर पंजाब के किसानों का समर्थन करेंगे हरियाणा के किसान, की बात का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसानों ने केवल अपने हिस्से का पानी माना है, जो अभी भी हरियाणा के किसानों को मिलने की बजाय पाकिस्तान जा रहा है।

लोगों की बढ़ने लगी परेशानी

पंजाब के किसानों के हरियाणा की सीमा पर डेरा डालने से प्रदेश में आम लोगों की समस्याएं बढ़ने लगी है। अपने काम से व नौकरी के लिए दिल्ली आवागमन करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सोनीपत के जाजी निवासी पंकज ने बताया कि वह अपने गांव आने के लिए सुबह दिल्ली से चला था। रास्ते बंद होने के कारण इधर उधर से घूमते हुए करीब पांच घंटे में घर पहुंचा। जबकि पहले यह रास्ता आधे घंटे में तय हो जाता था। आंदोलन के चलते रास्ते बंद होने के कारण दिल्ली आवागमन करने वाले अधिकतर लोगों को ऐसी ही समस्याओं से दो चार होना पड़ रहा है।

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