धरने के दौरान पुलिस ने ग्रामीणों में हाथापाई, फर्जी एनकाउंटर का आरोप लगा धरने पर बैठे ग्रामीणों को पुलिस ने जबरदस्ती उठाया

Charkhi Dadri
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चरखी दादरी में पुलिस पर फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाकर धरना देते हुए ग्रामीणों को उठाते पुलिस कर्मचारी।
दो कर्मचारियों को सस्पेंड कर मामले को दबाने का आरोप लगा परिजनों ने ग्रामीणों के साथ शुरू किया था धरना। 

Charkhi Dadri। चरखी दादरी पुलिस द्वारा करीब 2 माह पहले फर्जी एनकाउंटर करने के मामले में पीड़ित पक्ष द्वारा जहां पुलिस पर 10 लख रुपए लेने का आरोप लगाया वहीं मामले में फिर दर्ज करवाने सहित ठोस कार्रवाई की मांग को लेकर रात भर लघु सचिवालय में धरने पर बैठे रहे। आज सुबह भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा और धरना दे रहे लोगों को जबरदस्ती उठा दिया। इस दौरान धरनारत लोगों की पुलिस के साथ हाथापाई हुई। धरने में शामिल महिलाओं ने पुलिस पर जबरदस्ती करते समय कपड़े फाड़ने के भी आरोप लगाए। पुलिस द्वारा उठाए धरनारत लोगों ने लघु सचिवालय के बाहर फिर से धरना शुरू कर ठोस कार्रवाई होने तक आर पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया। जिसके बाद पुलिस ने धरने पर बैठे लोगों को जबरदस्ती उठा दिया।

दो माह पूर्व किया था प्रेम विवाह

आपको बताते चले कि करीब दो माह पूर्व दादरी जिले के गांव ऊण निवासी एक युवक ने पास के गांव पिलाना जिला रोहतक की एक युवती से प्रेम विवाह कर लिया था। प्रेम विवाह से क्षुब्ध होकर युवती के परिजनों ने दोनों को गोलियां मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। इस मामले में सीआईए पुलिस ने युवती के पिता सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दावा किया था कि एनकाउंटर के दौरान तीनों की गिरफ्तारी हुई है और गिरफ्तारी के दौरान एक आरोपी सोनू के पैर में गोली लगी थी।

परिजनों ने एसपी को दी शिकायत

फर्जी एनकाउंटर में फिर दर्ज करने सहित ठोस कार्रवाई की मांग को लेकर आरोपी पक्ष के लोगों ने अधिवक्ता संजीव तक्षक की अगुवाई में धरना शुरू किया था। अधिवक्ता संजीव तक्षक सहित अन्य परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस ने कार्रवाई करने की बजाये उनको जबरदस्ती उठाया है। सिर्फ दो पुलिस कर्मचारियों को सस्पेंड कर पुलिस अपनी नाकामियों को छुपाने का प्रयास कर रही है।

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