Digvijay Chautala का हुड्डा पर निशाना: सरकार बनाने का पहला ऑफर हुड्डा को दिया, वे दुष्यंत की करना चाहते थे राजनीतिक हत्या 

JJP Principal General Secretary Digvijay Chautala
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जेजेपी के प्रधान महासचिव दिग्विजय चौटाला।
दिग्विजय चौटाला ने भूपेंद्र हुड्डा पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार बनाने का पहला ऑफर हुड्डा को दिया, लेकिन वह दुष्यंत चौटाला की राजनीतिक हत्या करने की साजिश रच रहे थे।

Rohtak: जेजेपी राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय चौटाला ने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा व दीपेंद्र हुड्डा पर निशाना साधते हुए कहा कि पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा व दीपेंद्र हुड्डा हरियाण में गांव-गांव जाकर एक बात कहते हैं कि 75 पार वालों को यमुना पार भेजने की बात करने वाले लोग कांग्रेस के साथ ना आकर उनकी गोद में जा बैठे। सरकार बनाने का पहला ऑफर हुड्डा को दिया था, वे दुष्यंत की राजनीतिक हत्या करना चाहते थे। इसलिए उनका साथ नहीं दिया।

हुड्डा कब से बोलने लगे झूठ, अब तो सच बोलना सीखें

दिग्विजय चौटाला ने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा खानदानी परिवार से हैं, लेकिन वह झूठ बोलना कब से सीख गए। विधानसभा चुनाव का परिणाम आने के बाद दुष्यंत ने एक बात कही थी कि बीजेपी के खिलाफ वोट मिले हैं। पहला मौका हमें कांग्रेस को सरकार बनाने का देना चाहिए। दुष्यंत चौटाला ने उन्हें व केसी बांगड़ को यह कहकर खुली छूट दी थी कि जाओ भूपेंद्र हुड्डा से बात करों। हुड्डा के पास अगर निर्दलीय का समर्थन मिलाकर पूरी सरकार बनने का जोर बैठता हो तो हम हुड्डा को सीएम बना देंगे। लेकिन हुड्डा कब तक झूठ बोलते रहेंगे, अब तो सच बोलना सीख लें।

हुड्डा के साथ नहीं थे निर्दलीय, इसलिए नहीं बनी सरकार

दिग्विजय चौटाला ने कहा कि उन्होंने फोन पर हुड्डा से बात की और कहा कि जितने निर्दलीय जीतकर आए हैं, ये सभी आपकी पुरानी सरकार में चेले रह चुके हैं। इन्हें इकट्ठा कर लें, हम बीजेपी के खिलाफ जीतकर आए हैं। इस पर हुड्डा ने शाम तक का समय मांगा। जब शाम को बात की तो सुबह तक के लिए टाल दिया। सुबह बात हुई तो हुड्डा ने कहा कि पहले अपने दस को ले आओ, आगे फिर देखेंगे समर्थन की बात। किसी भी निर्दलीय का समर्थन हुड्डा के साथ नहीं था।

दुष्यंत चौटाला की राजनीतिक हत्या करना चाहते थे हुड्डा

दिग्विजय ने चुटकी लेते हुए कहा कि हुड्डा क्या करना चाहते थे, वह बता दूं। हुड्डा चाहते थे कि भाजपा का राज तो निर्दलीय के साथ बन जाए। खुद विपक्ष के नेता बन जाएं और दुष्यंत चौटाला की हालत कुलदीप बिश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्रेस पार्टी जैसी हो जाए। यह अकेला रह जाए। 15 साल तो इन्हें हो चुके हैं और 5 साल विपक्ष में बैठ जाएंगे। 20 साल में एक पीढ़ी बदल जाती है। फिर इन्हें कोई पूछेगा ही नहीं। इनकी सोच थी कि दुष्यंत चौटाला की राजनीतिक हत्या कर दी जाए।

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