नारनौल में 2 चचेरे भाईयों की मौत: फतेहपुर फतनी के जलघर में गए थे नहाने, डूबने से हुए हादसे का शिकार

Divers searching for children in the water tank of Fatehpur Fatni village.
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गांव फतेहपुर फतनी के जलघर में बच्चों की तलाश करते गोताखोर। 
नारनौल के जलघर में डूबने से दो चचेरे भाईयों की मौत हो गई। गोताखोरों की मदद से दोनों बच्चों के शवों को बाहर निकाला और पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया।

मंडी अटेली/नारनौल: अटेली क्षेत्र के गांव फतेहपुर फतनी के जलघर में डूबने से दो चचेरे भाईयों की मौत हो गई। गोताखोरों की मदद से दोनों बच्चों के शवों को बाहर निकाला। इसके बाद अस्पताल में पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। मरने वालों में एक बच्चा 11वीं कक्षा व दूसरा बच्चा नौवीं कक्षा में पढ़ता था। मृतक माता-पिता के इकलौते बेटे थे। इसी जलघर में 11 वर्ष पहले चार बच्चे डूब गए थे, जिसमें 14 वर्षीय पारस की मौत हो गई थी। वहीं क्षेत्र के गांव दुलोठ जाट में चार रोज पहले शनिवार को जवाहरलाल कैनाल की डीग में डूबने से दो बच्चों की मौत हो गई थी। क्षेत्र में चार दिन के अंदर पानी में डूबने का दूसरा हादसा है।

जनघर में नहाने उतरे थे दोनों बच्चे

जानकारी अनुसार गांव फतेहपुर निवासी 16 वर्षीय लोकेश व 14 वर्षीय नैतिक बुधवार को जल घर के समीप अपने खेतों में खाद छिड़कने के लिए गए थे। सुबह छह बजे साइकिल से गए। पहले खेतों में खाद को फैलाया, इसके बाद गर्मी में पसीने के चलते खेत के समीप स्थित जनस्वास्थ्य विभाग के जलघर में नहाने का मन किया। लोगों से मिली जानकारी के अनुसार बच्चे जलघर में रस्सी बांधकर नहा रहे थे। रस्सी के टूटने के कारण वो जल घर में डूब गए। काफी देर तक बच्चों के घर नहीं लौटने पर एक लड़के की मां खेत में आई, लेकिन बच्चे नहीं मिलने पर वह जलघर के पास आई तो उनकी साइकिल, चप्पल व कपड़े देखकर अनहोनी का अंदेशा हुआ और गांव के लोगों को इसकी सूचना दी।

महेंद्रगढ़ से गोताखोरों को बुलाकर निकाले गए शव

जलघर में बच्चों के डूबने की सूचना पर महेंद्रगढ़ से गोताखोरों को बुलाया गया। एक घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन में दोनों बच्चों के शव जलघर से निकाले गए। गांव व आसपास के क्षेत्र में इस खबर के फैलने से मातम छा गया। गांव की सरपंच प्रतिनिधि आशुतोष, पूर्व सरपंच महाबीर सिंह ने बताया कि बच्चे चचेरे भाई थे तथा इनकी मां भी सगी बहनें है। इस बारे में थाना प्रभारी ब्रह्मप्रकाश ने बताया कि शवों को निकालकर नागरिक अस्पताल नारनौल में पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। बता दें कि जलघर 10 एकड़ में फैला हुआ है तथा इसमें पानी की क्षमता तीन एमएलडी है। जलघर में तीन पानी के टैंक बने हुए है। वहीं इन बच्चों के साथ पालतु कुत्ता भी साथ आया था। काफी देर तक नहीं निकलने पर कुत्ता भौंकने के साथ तालाब के पास रखे कपड़ों की तरफ घूम रहा था।

क्या कहते है जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारी

जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता प्रदीप कुमार ने बताया कि जलघर बड़े एरिया में फैला हुआ है। प्रारंभिक सूचना मिली है कि बच्चे पीछे से दीवार फांद कर जलघर में नहा रहे थे। ज्यादा जानकारी कर्मियों से ली जाएगी तथा भविष्य में जलघर के चारों ओर तार बाड़ लगाई जाएगी। ज्ञात रहे कि इसी जल घर में 10 अप्रैल 2013 को मंडी अटेली के चार बच्चे डूब गए थे। जिनमें 14 वर्षीय पारस नामक बच्चे की डूबने से मौत हो गई थी। बता दें कि जब यह बच्चे नहाने के लिए गए, तब जलघर में कोई कर्मी नहीं था। बुधवार को भी यह प्रश्न खड़ा हो गया है कि अगर कोई कर्मी होता तो बच्चों की जान बचाई जा सकती थी। गर्मी की छूट्टी पड़ने के बाद बच्चे फ्री रहते है।

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