फतेहाबाद में आइसक्रीम बेच रहे पूर्व पाकिस्तानी सांसद: अल्पसंख्यकों पर अत्याचार बढ़ने पर 25 साल पहले परिवार संग भारत आकर बसे

Divaya Ram with his family in Ratangarh village, Fatehabad.
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फतेहाबाद के रतनगढ़ गांव में परिवार के साथ दिवाया राम।
हरियाणा के फतेहाबाद जिले के रतनगढ़ गांव में दिवाया राम नामक एक व्यक्ति आइसक्रीम बेचते हैं। वह पाकिस्तान में बेनजीर भुट्टो की सरकार के समय सांसद रहे थे।

फतेहाबाद में आइसक्रीम बेच रहे पूर्व पाकिस्तानी सांसद : हरियाणा के फतेहाबाद जिले के रतनगढ़ गांव में दिवाया राम नामक एक व्यक्ति आइसक्रीम बेचते हैं। उनका जीवन एक प्रेरणादायक कहानी है, जो पाकिस्तान से भारत आने, संघर्ष करने और नई पहचान बनाने की यात्रा को दर्शाता है। दिवाया राम पाकिस्तान में बेनजीर भुट्टो की सरकार में सांसद रहे थे, लेकिन वहां अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों से परेशान होकर उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। 2000 में अपने परिवार के साथ भारत आए, जहां उन्होंने आइसक्रीम बेचने का व्यवसाय शुरू किया।​

दबंगों के लड़की उठाने की घटना से आहत होकर पद से इस्तीफा दिया था

दिवाया राम का परिवार पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों से त्रस्त था। उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीटों पर चुनाव होने के बावजूद वहां के दबंगों ने एक लड़की को उठा लिया और सत्ता में होने के बावजूद वे कुछ नहीं कर पाए। इस घटना से आहत होकर उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया और परिवार के साथ भारत आने का निर्णय लिया।​

भारत आने के बाद, दिवाया राम ने फतेहाबाद के रतनगढ़ गांव में आकर आइसक्रीम बेचने का व्यवसाय शुरू किया। उनके साथ उनकी पत्नी, मां, आठ बेटे और दो बेटियां थीं। अब उनके परिवार के सदस्यों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है। उनके परिवार में से छह लोगों को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है, जबकि बाकी लोग आवेदन की प्रक्रिया में हैं।​

दिवाया राम के चचेरे भाई ओमप्रकाश भी 2006 में पाकिस्तान से भारत आए थे

दिवाया राम के चचेरे भाई ओमप्रकाश भी 2006 में पाकिस्तान से भारत आए थे और रतिया में बस गए थे। उनके परिवार के छह सदस्यों को भारतीय नागरिकता मिल चुकी है, जबकि अन्य के दस्तावेज प्रक्रिया में हैं।​ दिवाया राम का कहना है हम भारत में ही रहकर बाकी जीवन जीना चाहते हैं। अगर पाकिस्तान के खिलाफ लड़ने का मौका मिला तो मैं सबसे पहले हथियार उठाऊंगा। उनकी यह भावना उनके देशप्रेम और संघर्ष की कहानी को दर्शाती है।​

एसपी बोले, नियमों के तहत फिलहाल किसी को पाकिस्तान नहीं भेजा जाएगा

फतेहाबाद के एसपी सिद्धार्थ जैन ने बताया कि जिले में कुछ लोग पाकिस्तान से आकर रह रहे हैं। इन लोगों ने नागरिकता संशोधन कानून के तहत भारत की नागरिकता के लिए आवेदन किया है। आवेदन की जांच की जा रही है और नियमों के तहत फिलहाल किसी को पाकिस्तान नहीं भेजा जाएगा।​ दिवाया राम की कहानी न केवल पाकिस्तान से भारत आने वाले शरणार्थियों की संघर्षपूर्ण यात्रा को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि कैसे उन्होंने कठिनाइयों के बावजूद नई पहचान बनाई और अपने परिवार के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित किया। उनकी मेहनत और संघर्ष अन्य लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती है।

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