राउज एवेन्यू कोर्ट का बड़ा फैसला: बांसुरी स्वराज के खिलाफ सत्येंद्र जैन की आपराधिक मानहानि याचिका खारिज, जानें मामला  

Satyendra Jain defamation case Bansuri Swaraj
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बांसुरी स्वराज और सत्येंद्र जैन।
बांसुरी स्वराज के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि याचिका को खारिज कर दिया है। यह फैसला एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल की कोर्ट ने सुनाया।

Rouse Avenue Court: राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता सत्येंद्र जैन की ओर से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सांसद बांसुरी स्वराज के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि याचिका को खारिज कर दिया है। यह फैसला एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल की कोर्ट ने सुनाया। कोर्ट ने इससे पहले 13 फरवरी को इस याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था और अब इसे खारिज कर दिया गया है।

क्या था मामला?

AAP नेता सत्येंद्र जैन ने आरोप लगाया था कि बांसुरी स्वराज ने अक्टूबर 2023 में एक टीवी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में उनके खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिए, जिससे उनकी छवि धूमिल हुई। जैन ने आरोप लगाया कि बांसुरी स्वराज ने उनके घर से तीन करोड़ रुपये, 1.8 किलोग्राम सोना और 133 सोने के सिक्के बरामद होने की झूठी बातें प्रचारित कीं। जैन का कहना था कि यह बयान उनकी छवि को खराब करने और राजनीतिक लाभ लेने के उद्देश्य से दिया गया था।

बांसुरी स्वराज की दलील

बांसुरी स्वराज ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करते हुए याचिका को राजनीति से प्रेरित करार दिया। उन्होंने कोर्ट में कुछ दस्तावेज भी प्रस्तुत किए, जिनमें उन्होंने इस दावे को गलत बताया कि उन्होंने जैन की छवि खराब करने का कोई प्रयास किया। उनके वकील ने दलील दी कि यह मामला दिल्ली विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए उठाया गया है।

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कोर्ट ने क्यों खारिज की याचिका?

कोर्ट ने सत्येंद्र जैन की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि बांसुरी स्वराज द्वारा दिए गए बयान ऐसे नहीं थे, जो सीधे आपराधिक मानहानि की श्रेणी में आएं। कोर्ट ने माना कि इस प्रकार के राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप आमतौर पर देखे जाते हैं, और यह मानहानि का स्पष्ट मामला नहीं बनता।

सत्येंद्र जैन पर खुद हैं गंभीर आरोप

गौरतलब है कि सत्येंद्र जैन खुद मनी लॉन्ड्रिंग और आय से अधिक संपत्ति के मामलों का सामना कर रहे हैं। उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 30 मई 2022 को गिरफ्तार किया था। हालांकि, 18 अक्टूबर 2024 को उन्हें जमानत मिल गई थी। ऐसे में कोर्ट ने यह भी माना कि बांसुरी स्वराज का बयान एक राजनीतिक संदर्भ में दिया गया था और इसे आपराधिक मानहानि का मामला नहीं माना जा सकता।

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