The Railway Man: दिल्ली स्टेशन पर एक भी रियल रेलवे मैन नहीं, वरना बचती कई जानें, रेल अफसरों पर X यूजर्स का फूटा गुस्सा

X users targeted northern railway officials
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नई दिल्ली भगदड़ से आहत लोगों को द रेलवे मैन की याद आ रही।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 18 लोगों की मौत से लोग आहत है। लोग द रेलवे मैन को याद कर मांग कर रहे हैं कि काश रेलवे के पास एक भी ऐसा अधिकारी होता तो कई लोगों की जान बच सकती थी। जानिये क्या पूछे जा रहे सवाल...

The Railway Men: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में 5 बच्चों और 9 महिलाओं समेत कुल 18 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस घटना ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। सभी लोग इस घटना के लिए रेलवे की बड़ी लापरवाही को कारण बता रहे हैं। विशेषकर सोशल मीडिया पर भी रेलवे अधिकारियों की अकर्मणयता के चलते निशाना साधा जा रहा है। वहीं, विपक्ष रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग कर रहा है। खास बात है कि इन मुश्किल घड़ी में रेलवे की ओर से जो अपने बचाव में जो भी जवाब दिए जा रहे हैं, उस पर किसी को भी भरोसा नहीं हो रहा है। यूजर्स आरोप लगा रहे हैं कि अगर रेलवे स्टेशन पर रियल रेलवे मैन होता, तो भगदड़ में इतने अधिक लोगों को जान नहीं गंवानी नहीं पड़ती।

दिल्ली स्टेशन पर भी एक भी रियल रेलवे मैन नहीं

हाल में द रेलवे मैन नाम से वेबसीरीज सामने आई थी। आर माधवन अभिनेता इस वेबसीरीज में दिखाया गया था कि भोपाल त्रासदी से त्रस्त लोगों की मदद करने के लिए रेलवे अधिकारी आर माधवन ने अपने साथी कर्मचारियों के साथ मिलकर ड्यूटी से भागने की बजाए उनकी मदद करने का फैसला किया। रेलवे स्टाफ की वजह से लाखों लोगों की जान बची। यूजर्स पूछ रहे हैं कि आखिर रेलवे के पास क्या एक भी रियल रेलवे मैन नहीं था, जो इसकी भयावता को कम करता। बता दें कि भोपाल रेलवे स्टेशन के एसएस गुलाम दस्तगीर को भोपाल गैस त्रासदी में जान बचाने वाला हीरो कहा जाता है। यह भूमिका केके मेनन ने निभाई थी। वहीं, बाबिल खान ने इमाद का किरदार निभाया था, जिन्होंने लोगों को गैस प्रभावित इलाके से बाहर निकालने में मदद की थी।

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रेलवे अधिकारियों का पता नहीं, एनडीआरएफ भी लेट पहुंची

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर काम करने वाले कुली सुंगध लाल मीणा का कहना है कि वे 1981 से कुली का काम कर रहे हैं। जिंदगी में पहली बार देखा है कि भगदड़ में किसे लोग कुचल गए। उन्होंने कहा कि यह हादसा प्लेटफार्म नंबर 13 से 15 के बीच हुआ, लेकिन लोगों की मदद करने के लिए कोई भी अधिकारी नहीं था।

शाकीब ने बताया कि हादसा करीब साढ़े 9 से 10 के बीच हुआ, लेकिन शुरुआत में रेलवे अधिकारी इस हादसे को मामूली बताते रहे। वहीं, अंकित ने बताया कि भीड़ इतनी अधिक थी कि बाहर निकलना मुश्किल हो गया था। भगवान की कृपा है, जिससे वो इस हादसे में बचा। कुछ लोगों का आरोप है कि एनडीआरएफ की टीम भी लेट पहुंची। इसी प्रकार, सोशल मीडिया पर अन्य यूजर्स की प्रतिक्रियाओं की भरमार है, रेलवे अधिकारियों और रेल मंत्री से जवाब मांगा जा रहा है।

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यूजर्स पूछ रहे ये सवाल

रोजी नामक यूजर्स का कहना है कि प्रयागराज जाने वाली ट्रेनों के लिए प्लेटफार्म परिवर्तन को लेकर भ्रम के कारण हुई, जिससे भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई। प्रतीक जायसवाल ने पूछा कि मिनिस्टर साहब, ये न्यू दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मिसमैनेजमेंट कोई नई बात नहीं है। यहां के रेलवे स्टेशन मास्टर को ये तक सही से नहीं पता होता है कि कब कौन सी ट्रेन किस प्लेटफार्म पर आएगी या किस प्लेटफार्म से खुलेगी। नवीन ने लिखा कि यहां से ट्रेन भी समय पर नहीं खुलती, ऐसा ही इस हादसे में हुआ। अगर ट्रेन समय से खुलती तो यह हादसा न हो। उन्होंने पूछा कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है। इसी प्रकार अन्य यूजर्स भी विभिन्न प्रतिक्रियाएं देकर रोष जता रहे हैं।

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