Kho-Kho World Cup 2025: दिल्ली में पहली बार वर्ल्ड लेवल पर खेला जाएगा खो-खो, IGI स्टेडियम में फ्री में देख सकेंगे मैच  

Free Tickets for Kho Kho World Cup 2025
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खो-खो विश्व कप 2025 के लिए Free टिकट।
भारत का पारंपरिक खेल खो-खो अब विश्व स्तर पर अपनी पहचान बनाने जा रहा है। पहली बार दिल्ली में खो-खो विश्व कप का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन 13 से 19 जनवरी तक इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में होगा। इसमें 24 देशों की टीमें हिस्सा लेंगी, जिसमें आप मुफ्त में मैच देख सकेंगे।

Free Tickets for Kho Kho World Cup 2025: भारत के पारंपरिक खेल खो-खो को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए दिल्ली में पहली बार खो-खो वर्ल्ड कप का आयोजन किया जा रहा है। यह ऐतिहासिक आयोजन 13 से 19 जनवरी तक आईटीओ स्थित इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में होगा। छह महाद्वीपों के 24 देशों की 21 पुरुष और 20 महिला टीमें इस महाकुंभ का हिस्सा बनेंगी। एशियाई देशों की ओर से भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश की टीमों पर सबकी नजर होंगी।

खेल गांव और मुफ्त टिकट की व्यवस्था

दिल्ली के इंदिरा गांधी स्टेडियम को इस आयोजन के लिए खास तौर पर तैयार किया गया है। बता दें कि खिलाड़ियों के ठहरने के लिए एक खेल गांव बनाया जाएगा, जिससे विदेशी खिलाड़ियों को भारतीय संस्कृति का अनुभव मिले। इस विश्वकप को देखने के लिए टिकट मुफ्त में उपलब्ध होंगे, लेकिन इन्हें ऑनलाइन बुक करना अनिवार्य होगा। प्रशंसक अपनी पसंदीदा सीट का चुनाव कर सकते हैं।

पुरुषों और महिलाओं के लिए स्पेशल ट्रॉफियां

इस आयोजन के विजेताओं को दो स्पेशल ट्रॉफियों से सम्मानित किया जाएगा। पुरुष चैंपियनशिप के लिए नीली ट्रॉफी तैयार की गई है, जो विश्वास, दृढ़ संकल्प और सार्वभौमिक अपील का प्रतीक है। वहीं, महिलाओं के लिए हरी ट्रॉफी बनाई गई है, जो विकास और जीवन शक्ति का प्रतिनिधित्व करती है। साथ ही खो-खो फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष सुधांशु मित्तल ने बताया कि भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के तत्वावधान में आयोजित इस विश्व कप का उद्देश्य खो-खो को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दिलाना है।

तेजस और तारा बने शुभंकर

इस आयोजन के शुभंकर 'तेजस' और 'तारा' हैं। तेजस गति, ऊर्जा और टीमवर्क का प्रतीक है, जबकि तारा मार्गदर्शन और आकांक्षा को दर्शाता है। इन शुभंकरों के जरिए खो-खो के संदेश को बड़े लेवल से दर्शक किया जाएगा। वहीं, फेडरेशन के महासचिव एमएस त्यागी ने कहा कि 24 देशों की भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि खो-खो अब नई ऊंचाइयों को छू रहा है। यह आयोजन न केवल खेल को नई पहचान देगा, बल्कि अलग-अलग देशों की संस्कृतियों को भी खेल से जोड़ने का काम करेगा।

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खेल के साथ-साथ मिलेगा सांस्कृतिक अनुभव

इस आयोजन को और भी खास बनाने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी योजना बनाई गई है। दर्शकों को खेल के साथ-साथ भारत की सांस्कृतिक धरोहर का भी अनुभव मिलेगा। इन सबके साथ दिल्ली में खो-खो वर्ल्ड कप का यह आयोजन भारतीय पारंपरिक खेलों को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा। इस ऐतिहासिक आयोजन का हिस्सा बनना खेल प्रेमियों के लिए यादगार अनुभव होगा।

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