दिल्ली में यारी दोस्ती पर हवस भारी, मासूम बच्चे भी 'दुराचारियों' के बन रहे शिकार, जानिये कैसे बचाएं

राजधानी में हत्या और रेप के मामले आए दिन सामने आते रहते हैं। कई वारदातें पढ़कर हम भूल जाते हैं, जबकि कई वारदातें हमें सोचने के लिए मजबूर कर देती हैं। खासकर बच्चों से जुड़ी अपराध की घटनाएं हमेशा हमें झकझोर देती हैं। दिल्ली में पिछले 24 घंटे के दौरान दो ऐसी वारदात सामने आई हैं, जिससे आपका दोस्ती से भरोसा उठ जाएगा। आप न केवल अपने बच्चों पर नजर रखने को विवश हो जाएंगे बल्कि उसके दोस्तों पर भी निगरानी करने लगेंगे। तो चलिये बताते हैं उन दो घटनाओं के बारे में, जिससे आपको भी महसूस होगा कि दिल्ली में यारी दोस्ती पर हवस भारी पड़ रही है।
चाकू की नोंक पर तीन लड़कों ने नाबालिग दोस्त से किया कुकर्म
दिल्ली के हौज खास इलाके में तीन नाबालिग लड़कों ने अपने ही नाबालिग दोस्त का चाकू की नोंक पर अप्राकृतिक यौन उत्पीड़न किया। वारदात को अंजाम देने से पहले आरोपियों ने पीड़ित को बुरी तरह पीटा बल्कि उससे अपने जूते भी चटवाए। आरोपियों का हौंसला इतना बढ़ा था कि पूरी वारदात का वीडियो बनाकर पीड़ित की मां को भेज दिया। पीड़ित की मां ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसका बेटा शनिवार की शाम को पार्क में खेलने गया था। घर लौटते समय उसके तीन दोस्तों ने उसका रास्ता रोक लिया और चाकू दिखाकर सुनसान जगह ले गए। यहां पहले उससे जूते चटवाए और फिर बुरी तरह पीटा। इसके बाद अप्राकृतिक यौन संबंध बनाए।
इसके बाद आरोपियों ने वारदात का वीडियो दिखाकर धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो जान से मार देंगे। डर के मारे पीड़ित ने घर जाकर अपनी मां और पिता को इस घटना के बारे में कुछ भी नहीं बताया। पीड़ित की चुप्पी से आरोपियों के हौंसले और बढ़ गए। आरोपियों ने पीड़ित की मां को उसके बेटे से दुराचार करने का वीडियो भेज दिया। वीडियो देखते ही मां के पांव तले जमीन खिसक गई। मां ने तुरंत पीसीआर को कॉल की। पुलिस मौके पर पहुंची तो मां ने वीडियो पुलिस को दिखाया। पुलिस ने जब पीड़ित से बात करनी चाही तो वो घबरा गया। पुलिस ने उसकी मनोदशा देखकर उसे काउंसलिंग के लिए भेजा। संबंधित पुलिस का कहना है कि आरोपियों की उम्र भी 12 से 14 साल के बीच की है। मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।
कश्मीरी गेट में भी अप्राकृतिक यौन संबंध के लिए दोस्त की हत्या
उत्तरी दिल्ली इलाके से भी एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां भी एक दोस्त ने अपनी यौन कूंठा को शांत करने के लिए अपने दोस्त पर दबाव डाला। पुलिस ने बताया कि डीडीए पार्क, मोरी गेट पर शव बरामद हुआ था। जांच में पता चला कि उसकी हत्या उसके दोस्त ने की थी। पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि उसका दोस्त उससे अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का दबाव डाल रहा था, इसलिये गुस्से में उसकी हत्या कर दी। यहां पढ़िये विस्तृत खबर...
सीलमपुर में भी तीन नाबालिग दोस्तों ने की थी ऐसी दरिंदगी
सीलमपुर से भी ऐसी ही घटना सामने आई थी। यहां भी तीन नाबालिग दोस्तों ने अपने ही दोस्त के साथ अप्राकृतिक दुराचार किया था। पीड़ित की उम्र 10 साल और आरोपियों की उम्र भी 10 से 12 साल के बीच थी। आरोपियों ने उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड भी डाल दी थी। गंभीर रूप से घायल इस बच्चे को अस्पताल में दाखिल कराया गया, लेकिन उपचार के दसवें दिन मौत हो गई थी। मीडिया ने इस दरिंदगी की तुलना निर्भया केस से की थी। यह घटना अक्टूबर 2022 की थी। पुलिस ने तीनों आरोपियों को अरेस्ट कर लिया था। लेकिन, इसके बाद भी ऐसी घटनाओं पर विराम नहीं लग सका है।
मनोचिकित्सकों ने कहा- बच्चों पर निगरानी जरूरी
रोहिणी इलाके की मनोचिकित्सक डॉ. साधना का कहना है कि बदलती जीवन शैली में बच्चे बेहद आक्रामक हो गए हैं। सोशल मीडिया पर अश्लील सामग्रियां बच्चों के लिए उपलब्ध हैं। उनका कहना है कि सरकार ने पॉर्न वीडियो और फिल्मों पर काफी नकेल कसी है, लेकिन अभी भी आपत्तिजनक सामग्री उपलब्ध हैं। चूंकि बच्चों का अधिक समय भी सोशल मीडिया पोस्ट देखने में गुजरता है, लिहाजा अश्लील सामग्री का असर उनके दिमाग पर पड़ रहा है। उनका कहना है कि इसका एकमात्र विकल्प ये है कि अगर बच्चा हिंसक होता जा रहा है या स्वभाव से अलग बर्ताव कर रहा है, तो उससे शांत माहौल में बातचीत करनी चाहिए। जानने का प्रयास करना चाहिए कि क्या वो किसी अपराध से जूझ रहा है। अगर हिंसक स्वभाव है, तो भी हो सकता है कि वो किसी अपराध की वजह से ऐसा बर्ताव कर रहा है।
एक अन्य मनोचिकित्सक डॉ. रश्मि के हवाले से बताया गया कि हम बच्चों को गुड टच, बैड टच तो सीखा देते हैं, लेकिन इससे हमारी बच्चों के प्रति जिम्मेदारी पूरी नहीं होती है। हमें ध्यान रखना चाहिए कि बच्चे अपराध और अश्लील सामग्री से दूर रहें। फोन देते समय भी ध्यान रखें कि उनके लिए केवल बच्चों वाला कंटेंट ही उपलब्ध रहे।
