दिल्ली-गुरुग्राम से देहरादून तक सारी जमीन मेरी पर ठोका दावा, HC ने 'राजा साहब' को लगाई फटकार, लगाया इतना जुर्माना

Delhi High Court
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दिल्ली हाई कोर्ट में कुंवर महेंद्र नामक शख्स ने आगरा से गुरुग्राम और दिल्ली से देहरादून तक 65 रेवेन्यू स्टेट पर दावा करते हुए याचिका दायर की थी। इस याचिका को कोर्ट ने खारिज करते हुए कुंवर महेंद्र पर एक लाख का जुर्माना भी लगाया है।

Kunwar Mahendra Dhwaj Prasad Singh: दिल्ली हाई कोर्ट ने आज गुरुवार को कुंवर महेंद्र ध्वज प्रसाद सिंह नामक व्यक्ति की याचिका को खारिज करते हुए एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। दरअसल, कुंवर महेंद्र नाम के शख्स ने यमुना से गंगा के बीच सारी जमीन पर दावा ठोका था। इसको लेकर उसने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। कुंवर महेंद्र ने आगरा से गुरुग्राम और दिल्ली से देहरादून तक 65 रेवेन्यू स्टेट पर दावा करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी।

इस संबंध में एक्टिंग चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत प्रितम सिंह अरोड़ा ने सिंगल बेंच के आदेश को बरकरार रखा, जिसने याचिका को खारिज करते हुए 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया था। पीठ ने कहा कि आप कहते हैं कि यमुना और गंगा के बीच का पूरा क्षेत्र आपका है। आप किस आधार पर आ रहे हैं? 75 साल बाद आप जागे हैं। यह शिकायत 1947 में उठी थी। क्या इस पर प्रतिवाद करने के लिए अब बहुत देर नहीं हो गई है? अब हम 2024 में हैं, कई साल बीत गए। आप राजा हैं या नहीं, हम नहीं जानते। आप आज यह शिकायत नहीं कर सकते कि 1947 में आपको वंचित किया गया था।

हाई कोर्ट ने लगाई फटकार

हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता को फटकार लगाते हुए कहा कि अब बहुत देर हो चुकी है हम आपकी मदद नहीं कर सकते। हमारे पास कोई कागजात नहीं हैं ऐसे में हम कैसे जानेंगे कि आप ही मालिक हैं। बता दें कि याचिकाकर्ता कुंवर महेंद्र ध्वद प्रसाद सिंह ने खुद को बेसवां का वंशज बताया है। कुंवर महेंद्र की मांग थी कि जब तक विलय की प्रक्रिया नहीं हो जाती, तब तक दावे वाले क्षेत्र में लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा और निकाय के चुनाव ना कराए जाएं।

बेसवां परिवार का बताया वंशज

याचिकाकर्ता ने खुद को बेसवां अभिभाज्य राज्य का राजा बताया और कहा कि वह राजा ठाकुर मत मतंग ध्वज प्रसाद के इकलौते जीवित बचे बेटे हैं। इससे पहले उन्होंने कुतुब मीनार पर भी दावा किया था। इसको लेकर भी उन्होंने 2022 में साकेत कोर्ट में याचिका दायर की थी।

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