Delhi School Fee: फीस पर नहीं चलेगी स्कूलों की मनमानी, दिल्ली कैबिनेट ने विधेयक को दी मंजूरी, जानें क्या होंगे प्रावधान

दिल्ली में स्कूल फीस बढ़ने से परेशान अभिभावकों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने आज कैबिनेट में इससे संबंधित मसौदा विधेयक को मंजूरी दे दी है। सीएम रेखा गुप्ता का कहना है कि इस विधेयक के चलते कई समस्याओं का निदान हो जाएगा।
दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने कहा कि मुझे आप सभी को यह बताने में खुशी हो रही है कि दिलली सरकार ने एक ऐतिहासिक और साहसिक फैसला लिया है। आज कैबिनेट ने मसौदा विधेयक पारित किया है। दिल्ली के सभी 1677 स्कूल, चाहे वो सहायता प्राप्त हों, गैर सहायता प्राप्त हों या निजी स्कूल हो, सभी तरह के स्कूलों के लिए फीस को लेकर एक पूरी गाइडलाइन और प्रक्रिया तय की जाएगी। उन्होंने बताया कि इतिहास में यह पहली बार दिल्ली सरकार की ओर से ऐसा विधेयक तैयार किया जा रहा है, जो कि पूरी तरह से फूलप्रूफ है।
#WATCH | Delhi CM Rekha Gupta says, "...I feel overjoyed to tell you that Delhi Government has made a historic and brave decision, and the draft Bill has been passed by the Cabinet today. A complete guideline, procedure for fees will be decided for all 1677 schools in Delhi,… pic.twitter.com/wCoUlMbgpl
— ANI (@ANI) April 29, 2025
शिक्षा मंत्री आशीष सूद बोले- 1 अप्रैल से लागू होगा ये विधेयक
दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने भी इस विधेयक को लेकर खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि हमारी कैबिनेट ने फीस बढ़ाने या न बढ़ाने के बारे में वैधानिक फैसला लिया है। इसके लिए विधेयक का मसौदा तैयार किया है। इसमें सरकार को फीस वृद्धि रोकने और स्कूलों द्वारा इसका पालन न करने पर कार्रवाई करने की शक्तियां दी गई हैं। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ भी (जिन स्कूलों को नोटिस जारी हुआ था) कार्रवाई की जाएगी। इस विधेयक के आधार पर फीस बढ़ाई या घटाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि यह एक अप्रैल से लागू होगा और इस साल भी फीस रेग्युलाइज की जाएगी।
क्या होगी प्रक्रिया
- शिक्षा मंत्री आशीष सूद के अनुसार, नए नियमों को लागू करने के लिए तीन कमेटियां बनाई जाएंगी
- यह कमेटियां 3 साल तक स्कूल के इंफ्रास्ट्रक्चर के आधार पर फीस के बारे में फैसला लेंगी।
- निर्णय लेने की प्रक्रिया में 3 टीचर और 5 पैरेंटस शामिल किए जाएंगे।
- इनका चयन ड्रॉ के माध्यम से होगा, जिनका कार्यकाल तीन साल का होगा।
- जिला स्तर पर 10 सदस्यीय कमेटी भी बनाई जाएगी, जिसमें दो महिलाएं शामिल होंगी।