लग्जरी कार से महंगा परफ्यूम: यहां का इत्र मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक को करता रहा मदहोश, खासियत जानकर चौक जाएंगे आप

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मुगल शासकों से लेकर अंग्रेजों तक इस इत्र के रहे दिवाने।
अगर आप भी परफ्यूम के शौकीन हैं, तो आपको दिल्ली के चांदनी चौक बाजार स्थित इस दुकान का पता होना चाहिए, जो कि मुगलकाल से सुगंध का व्यापार कर रहे हैं।

'तेरी नहीं सकल रे ठीक यो मेकअप जुलम गुजारे से... डेली 2 किलो ते घाट ना परफ्यूम मारे से', यह लाइनें हरियाणवी सॉन्ग '2 किलो परफ्यूम' से है। इस गाने का जादू लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। अब परफ्यूम की बात हरियाणा से शुरू हुई है, तो इसका दिल्ली तक पहुंचना लाजमी है। दिल्ली में इत्र की ढेरों दुकानें हैं, लेकिन चांदनी चौक बाजार इत्र की दुकानों के लिए खासा फेमस है। इस बाजार में कई दुकानें हैं, जो कि मुगल शासन काल से हैं। इनमें से एक शॉप ऐसी हैं, जिनका इत्र मुगलों से लेकर अंग्रेजों तक को मदहोश बनाए रखता था।

आज भले ही चांदनी चौक बाजार का नक्शा बदल चुका है, लेकिन इत्र की सुगंध में किसी प्रकार की कमी नहीं आई है। तो चलिये बताते हैं दिल्ली में इत्र की प्रसिद्ध दुकान के बारे में...

मुगल काल से कर रहे इत्र का व्यापार चांदनी चौक बाजार में गुलाब सिंह जौहरी मल के नाम से इत्र की दुकान है। यह दुकान मुगल काल से है। यहां आप एक से बढ़कर एक बेशकीमती परफ्यूम खरीद सकते हैं। अगर दुनिया में किसी भी प्रकार का परफ्यूम है, तो आप यहां से उसका विकल्प ले सकते हैं। यहां के सबसे महंगे परफ्यूम की बात करें तो रूह गुलाब इत्र है, जिसकी एक किलो इत्र की कीमत में आप आलीशान कार खरीद सकते हैं। क्या आप इस इत्र की कीमत का अंदाजा लगा सकते हैं? अगर नहीं तो आगे जानिये इस बेशकीमती इत्र की कीमत...

रूह गुलाब इत्र की कीमत लाखों में

मीडिया रिपोर्ट्स में इस शॉप के मालिक मुकुल गांधी के हवाले से बताया गया है कि रूह गुलाब इत्र सबसे महंगा इत्र है। 10 ग्राम इत्र की कीमत 36000 रुपये तक होती है। अगर एक किलो रूह गुलाब इत्र बनाना है, तो कम से कम 5000 किलो गुलाब की जरूरत पड़ती है। एक किलो गुलाब रूह इत्र की कीमत 36 लाख तक पहुंचती है। उन्होंने बताया कि उनकी शॉप में 100 रुपये में भी अच्छा परफ्यूम उपलब्ध है। उनकी मानें तो आसपास के राज्यों से ही नहीं बल्कि दूरदराज क्षेत्रों से आने वाले पर्यटक भी आकर इत्र खरीदते हैं।

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गुलाब सिंह जौहरी मल का इत्र खरीदने दूर दूर से पहुंचते हैं लोग।
मुगलकाल से फैला रहे इत्र की सुगंध

मुकुल गांधी का कहना है कि यह दुकान मुगल काल से है। हमारी विशेषता यह है कि हम प्राकृतिक तरीके से इत्र को तैयार करते हैं। अगर कोई भी इत्र लाए तो हम उसका रिप्लिका भी बना लेते हैं। उन्होंने कहा कि इत्र के इस व्यापार को आठवीं पीढ़ी आगे बढ़ा रही है। उनके पास इत्र बनाने का ऐसा फॉर्मूला है, जिन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी सीक्रेट रखा है। अगर कभी आपका चांदनी चौक बाजार जाना हो, तो एक बार आपको यहां की विजिट अवश्य करनी चाहिए। दावा है कि यहां की सुगंधित हवा से मदहोश होकर आप इत्र खरीदे बिना नहीं जाएंगे।

चांदनी चौक बाजार तक पहुंचने का रास्ता

आपको येलो लाइन से मेट्रो लेकर चांदनी चौक मेट्रो स्टेशन पर उतरना होगा। गेट नंबर एक से बाहर निकलते ही दरीबा कलां बाजार मिलेगा, जहां आपको इत्र की यह प्रसिद्ध दुकान मिल जाएगी। रविवार को छोड़कर यह दुकान सुबह 10 बजे से शाम 7 बजे तक ओपन रहती है। इसके अलावा, यहां इत्र की अन्य दुकानें भी हैं, जहां से आप हर ब्रांड का ड्यो या परफ्यूम खरीद सकते हैं।

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