Arms Smugglers Arrested: दो अंतरराज्यीय हथियार तस्कर गिरफ्तार, एक दर्जन पिस्टल बरामद

Arms Smuggler Arrested
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हथियारों की खेप जब्त।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दो हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इसके पास से 12 पिस्टल बरामद की हैं।

Delhi: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दो हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनके नाम अंकित मिश्रा और जीतेन्द्र राजपूत निवासी सागर, मध्य प्रदेश बताए गए हैं। इनके पास से .32 बोर की 12 पिस्टल बरामद हुई है। बरामद हथियार दिल्ली और एनसीआर के अपराधियों को सप्लाई की जानी थी।

स्पेशल सीपी आर पी उपाध्याय के अनुसार, मध्य प्रदेश स्थित हथियार निर्माताओं और आपूर्तिकर्ताओं द्वारा दिल्ली और एनसीआर के अपराधियों को की जाने वाली हथियार आपूर्ति में कमी लाने के निरंतर प्रयास स्पेशल सेल कर रही है। इसी प्रक्रिया में मुखबिर के माध्यम से सूचना प्राप्त हुई कि अंकित मिश्रा अपने सहयोगी जितेंद्र के साथ बुरहानपुर, एमपी से अवैध हथियार खरीदकर दिल्ली और एनसीआर में आपूर्ति करने वाला है। दोनों अपने किसी संपर्क को हथियारों की बड़ी खेप देने के लिए कालिंदी कुंज आएंगे।

जाल बिछाकर दबोचा

इसके बाद पुलिस ने इको पार्क रोड, कालिंदी कुंज के आसपास जाल बिछाया गया और शाम लगभग सात बजे 07:00 बजे अंकित मिश्रा और जितेंद्र राजपूत को पकड़ लिया गया। आरोपी अंकित मिश्रा का जन्म वर्ष 1993 में जिला सागर, मध्य प्रदेश में हुआ था। इसने 9वीं कक्षा तक पढ़ाई की और उसके बाद कभी गार्ड तो कभी ड्राइवर के रूप में छोटी नौकरियां की। 2016 में वह राजेश प्यासी नामक व्यक्ति के संपर्क में आया। वह हथियार सप्लाई करता था। जल्दी पैसा कमाने के लिए उसने भी इलाके में हथियार बेचना शुरू कर दिया।

हाल ही में बरामद पिस्टल की खेप खरीदने के लिए उसने अपने दोस्त से पैसे उधार लिए थे और साथ ही अपनी पत्नी के गहने भी गिरवी रख दिए थे। यह बड़ा जखीरा था और इसे हथियार बेचने से अच्छा मुनाफा मिलने की उम्मीद थी। वह सात हजार रुपये की दर से पिस्टल खरीद आगे प्रति पिस्टल 25 से 30 हजार में बेचता था।

वहीं, आरोपी जितेंद्र भी खराब आर्थिक स्थिति के कारण केवल 9वीं कक्षा तक पढ़ाई कर सका था। इसने चार मीनार, सिगरेट कंपनी में सेल्समैन के रूप में काम शुरू किया था। आठ साल तक काम करने के बाद इसने टैक्सी चलाई। वह अंकित मिश्रा को पिछले 7-8 साल से जानता था। दो तीन साल पहले अंकित मिश्रा ने उसे अवैध हथियारों के रैकेट में शामिल होने के लिए कहा, क्योंकि उसके पिछले सहयोगी राजेश प्यासी की मृत्यु हो गई थी। वह अंकित मिश्रा के साथ मिलकर कमल निवासी बुरहानपुर से अवैध हथियार खरीदता था और फिर कमल के निर्देशानुसार उन्हें अलग-अलग स्थानों पर ऊंची कीमत पर बेचता था।

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