टीकाकरण के बाद दो नवजात की मौत : पूर्व स्वास्थ्य मंत्री ने की जांच की मांग, लापरवाही पर उठाए सवाल

TS Singh Dev
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पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने अस्पताल पहुंचकर हालचाल जाना
बिलासपुर में टीकाकरण के बाद दो नवजात बच्चों की मौत का मामला राजनीतिक तुल पकड़ लिया है। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव पूरे मामले में हुई लापरवाही के जांच की मांग की है। 

संदीप करिहार- बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले मासूमों की टीका लगने से मौत होने का ताजा मामला सामने आया है। दो मौसमों की मौत ने राजनीतिक तुल पकड़ लिया है। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव रविवार सुबह बिलासपुर के मातृ शिशु अस्पताल पहुंचे और यहां टीका लगने से मासूमों की मौत का कारण जानने पहुंचे। यहां अस्पताल में ऑब्जर्वेशन में रखें मासूमों के परिजनों से मुलाकात कर हालचाल जाना। परिजनों से घटना के बारे में विस्तृत जानकारी ली।

दरअसल यह पूरा मामला कोटा के पटैता कोरीपारा का है। जहां पर टीकाकरण के बाद दो नवजात बच्चों की मौत हो गई। दो दिन पहले सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 7 बच्चों का टीकाकरण किया गया था। वहीं 5 बच्चों को ऑब्जर्वेशन के लिए सीएचसी में भर्ती किया गया है। इस मामले के बाद पूर्व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव अस्पताल पहुंचकर मृत बच्चों के परिजनों से मुलाकात की है।

लापरवाही की जांच की जाए- टीएस सिंहदेव

अस्पताल प्रबंधन से बातचीत के बाद तक देने बताया कि बीजीएस और पेंटा वन टीका मासूम बच्चों को लगने से तबियत बिगड़ी और उनकी मौत हुई है। इस संबंध में टीएस सिंहदेव ने मिडिया के जरिए राज्य सरकार से लापरवाही की जांच करने की मांग की है। इसके साथ ही जिस वैक्सीन का टीका मासूमो को लगा है। उसे तत्काल प्रभाव से रोकने की अपील की है। इसका सरकार को पड़ताल करने की जरूरत है, ताकि दोबारा ये घटनाएं ना हो सकें।

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यह है मामला

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोटा अंतर्गत ग्राम पंचायत पटैता के कोरी पारा में दो नवजात शिशु की मृत्यु हो गई। दोनो नवजात शिशु की मृत्यु का कारण अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। मिली जानकारी के अनुसार दोनो नवजात-शिशु को पटैता के आंगनबाड़ी केंद्र में 30 अगस्त को टीका लगाया गया था। टीका लगने के बाद 30 अगस्त को एक शिशु की मृत्यु हुई व दूसरे की 31 अगस्त की सुबह मृत्यु हो गई। दोनो नवजात शिशु की मृत्यु हो जाने के बाद गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है। डरे सहमे हुए परिजन अपने अपने शिशु को लेकर पहुंचे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कोटा पहुंचे। जहां सभी शिशुओं को भर्ती कर ऑब्जरवेशन में रखा गया है।

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