शिक्षकों को प्रशिक्षण : सामान्य और दिव्यांग बच्चों को एक साथ पढ़ाने की तैयारी, समावेशी शिक्षा पर जोर

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समावेशी शिक्षा के तहत दो दिवसीय प्रशिक्षण में शिक्षक-शिक्षिकाएं
बीआरसी भवन बेमेतरा में समावेशी शिक्षा वातावरण निर्माण अंतर्गत दो दिवसीय प्रशिक्षण रखा गया। इसमें बेमेतरा विकासखंड के शिक्षकों ने प्रशिक्षण लिया।

बेमेतरा। बीआरसी भवन बेमेतरा में समावेशी शिक्षा वातावरण निर्माण अंतर्गत दो दिवसीय प्रशिक्षण रखा गया। इसमें बेमेतरा विकासखंड के शिक्षकों ने प्रशिक्षण लिया। प्रशिक्षण का शुभारंभ मां सरस्वती की पूजा और वंदना से हुआ। बीआरसी राजेंद्र कुमार साहू ने अपने उद्बोधन में समावेशी शिक्षा के उद्देशयों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, दिव्यांग बच्चों को सामान्य बच्चों के साथ शिक्षा देना है।

एक सामान्य छात्र एक दिव्यांग छात्र के साथ एक ही विद्यालय के छत के नीचे समान रूप से शिक्षा प्राप्त कर सके। वह शिक्षा के साथ-साथ अपनी भावनाओं इच्छाओं और अनुभव को अपनी कक्षा के सभी बच्चों के साथ समान रूप से साझा कर सके। समावेशी शिक्षा विशेष विद्यालय कक्षा का स्वीकार नहीं करता और दिव्यांग बच्चों को प्रत्येक शैक्षणिक गतिविधियों में भाग लेने का पूरा अवसर देता है।

मास्टर ट्रेनर ने दिव्यांगता को पहचानने के बताए तरीके

मास्टर ट्रेनर मंजू साहू और ज्योति बनाफर ने प्रशिक्षण दिया। मास्टर ट्रेनर मंजू साहू ने समावेशी शिक्षा प्रशिक्षण में दिव्यांगता को पहचानने के लिए विभिन्न प्रश्नावली के माध्यम से 21 प्रकार के दिव्यांगता के प्रकार को समझाया। पूर्ण दृष्टिहीन, श्रवण बाधित, मुकबाधित, स्वलीनता बौद्धिक नि:शक्तता, मानसिक बीमारी तेजाब हमला पीड़ित बौनापन सिकल सेल कुष्ठ रोग इत्यादि के बारे में विस्तार से समझाया गया। साथ ही दिव्यांग बच्चों के लिए विकासखंड संसाधन स्त्रोत केंद्र का परिचय, व्यवस्था, संसाधन स्त्रोत केंद्र पर नियुक्त कार्मिक और दिव्यांग बच्चों को परीक्षा क्रियान्वयन के लिए दिशा निर्देश दिया। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर ने 21 प्रकार की दिव्यांग के लिए दिए गए प्रावधान के बारे में बताया।

सांकेतिक भाषा और ब्रेल लिपी का दिया प्रशिक्षण

मास्टर ट्रेनर ज्योति बनाफर ने समावेशी शिक्षा के अर्थ परिभाषा महत्व के साथ निशक्तजन अधिकार 2016 के अनुसार 21 दिव्यांगता से परिचय के अर्थ को समझाया। नोडल अधिकारी रजनी देवांगन ने दिव्यांग बच्चों से संबंधित कक्षा कक्ष में किए जाने वाले प्रायोगिक कार्य को करके दिखाया। उन्होंने सांकेतिक भाषा और ब्रेल लिपी प्रशिक्षण के बारे में बहुत ही विस्तार के साथ बताया।

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित योजनाओं की दी जानकारी

छत्तीसगढ़ शासन द्वारा दिव्यांगों हेतु संचालित महत्वकांक्षी योजनाओं के बारे में बताया। प्रशिक्षण के समापन पर एपीसी धनंजय शर्मा ने समावेशी शिक्षा पर सकारात्मक पहल और प्रशिक्षण को सार्थक बनाने के लिए प्रेरित किया। बीआरपी रजनी देवांगन ने आभार व्यक्त किया।

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