महिला दिवस पर विशेष : आज की महिलाओं में अपार शक्तियां, पिता की मेहनत देखकर जाना सफलता के राज 

Zoya Afrin
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जोया आफरीन
आज पूरा विश्व महिला दिवस मना रहा है। इस अवसर पर हम अपने पाठकों के लिए छत्तीसगढ़ की एक महिला उद्यमी से सफलता पर विचार आपके सम्मुख प्रस्तुत कर रहे हैं।

जोया आफरीन - महिला उद्यमी

आज जो आईबी ग्रुप की स्थिति देख रहे है, यहां तक पहुंचने के लिए मेहनत का लंबा सफर शामिल है। मैंने बचपन से ही अपने पिता और बड़े पिताजी की मेहनत को देखा है। जिससे ही यह सीख मिली कि किसी भी सफलता को हासिल करने के लिए सबसे जरूरी चीज सिर्फ और सिर्फ मेहनत है।

मैंने भी अन्य सामान्य बच्चियों की तरह राजनांदगांव शहर के एक स्कूल से अपना अध्ययन शुरू किया था। रिक्शे में बैठकर मैं स्कूल जाती थी। मुझे याद है कि पापा की स्कूटर में मम्मी, भाई एक साथ शहर में घूमा भी करते थे। हम लोगों ने मम्मी का भी संघर्ष और मेहनत देखी है कि जब पापा काम में लगे रहते थे, उस समय मम्मी भी पूरी जिम्मेदारी संभालती थी। सातवीं तक राजनांदगांव में पढ़ने के बाद मैं बोर्डिंग स्कूल चली गई। इसके बाद बेंगलुरु में मैंने उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद वहीं एक-दो निजी कंपनियों के फाइनेंस सेक्टर में नौकरी भी की। इसके बाद मैं डिग्री के लिए आस्ट्रेलिया चली गई। यहां भी नौकरी के साथ मैंने अपना अध्यापन पूरा किया। पिछले साढ़े पांच साल से मैं आईबी ग्रुप में शामिल होकर यहां ऑपरेशन के साथ-साथ फायनेंस का काम संभाल रही हूं।

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जोया आफरीन

जीवन में हर दिन नई चुनौतियां

जीवन में हर दिन नई चुनौतियां सामने आती हैं। हर नए दिन परिस्थितियां बदली हुई रहती है, उन चुनौतियों का सामना शांत और लक्ष्य के साथ पूरा करना ही अहम है। काम के दौरान अपने पिता से सीख मिलती है और कंपनी में काम कर रहे साथियों से यह प्रेरणा मिलती है कि जो भी चुनौतियां आ रही है, उसका कैसे सामना करके आगे बढ़ना है।

महिलाओं के लिए अच्छा माहौल

देश में महिलाओं के लिए व्यापार और नौकरी में अच्छा खासा माहौल बन गया है, क्योंकि महिलाओं में इतनी शक्तियां है कि वे घर-परिवार के साथ-साथ नौकरी और व्यापार भी कर सकती है। इसके लिए परिवार की महिलाओं को अपने घर से इसकी शुरुआत करनी चाहिए, ताकि महिलाएं भी आगे बढ़ सके। आज सभी सेक्टर में महिलाएं काफी आगे आ रही है। व्यापार और नौकरी में महिला या पुरुष होना फर्क नहीं पड़ता, मायने यह रखता है कि वह अपनी क्या सहभागिता दे रहे हैं। आईबी ग्रुप ने भी यह तय किया है कि कंपनी में चालीस फीसदी महिलाएं ही कार्यरत होगी।

कुषोषण दूर करने अगली पहल

देश में कुषोषण एक बड़ी चिंता का विषय है। देश के कई हिस्सों में बच्चों को जरूरी प्रोटीन नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में पूरे भारत में अपने ब्रांड के जरिये प्रोटीन पहुंचाने की दिशा में भी प्रयास किया जा रहा है। पूरे भारत में ब्रांडेड चिकन प्रोडक्ट की दिशा में भी काम कर रहे हैं।

विकसित भारत थीम को बनाया लक्ष्य

देश को विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयास में आईबी ग्रुप भी अपनी कार्ययोजना बनाकर उसे हासिल करने की दिशा में काम कर रहा है। हमारी कंपनी भी 2047 तक विकसित भारत के संकल्प के तहत काम कर रही है।

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