शिव महापुराण : मधेश्वर पहाड़ के नीचे उमड़ा शिवभक्तों का सैलाब, पं. मिश्रा ने श्रद्धालुओं को तामसिक भोजन से दूर रहने की दी सलाह 

Shiva Mahapuran, Madheshwar Mountain, Shiv devotees crowd, Pandit Pradeep Mishra
X
पंडित प्रदीप मिश्रा
छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित दुनिया के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग यानि मधेश्वर पहाड़ के समीप पं. प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण चल रही है।

जितेंद्र सोनी- जशपुरनगर। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में कुनकुरी- मयाली स्थित सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ के पास प्रसिद्ध कथा वाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा शिव भक्तों को संगीतमय वातावरण में संबोधित करते हुए कहा कि, भोले बाबा... ने बहुत दे दिया है.. तेरा शुक्रिया है।

शनिवार को शिव महापुराण के दूसरे दिन पंडित प्रदीप मिश्रा ने अपने प्रवचन में मनुष्य को मांस, मंदिरा और तामसिक भोजन से दूर रहने का आग्रह किया। शिव की आराधना, शिव की भक्ति में मन लगाने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भोजन करते समय अपना पानी स्वयं रखें उसके बाद ही भोजन करें। इससे तीन प्रकार की बीमारी ठीक हो जाती है। पहला घुटने का दर्द, दूसरा रीढ़ की हड्डी का दर्द और तीसरा सर का दर्द दूर हो जाता है। शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी की आवश्यकता होती है।

विकारों से दूर रहें

उन्होंने कैलाश पर्वत पर नन्दी भोले बाबा के प्रिय क्यों हैं उनकी महत्ता बताई। भक्तों को पंडित मिश्रा ने बताया कि, कोई काम बहुत समय से सफल नहीं हो पा रहा है तो एक काम करो शिव की भक्ति करो। भक्तों को अहंकार से दूर रहने और अपने भीतर के बुरे विकारों को भी दूर करने के लिए कहा।

सीएम की धर्मपत्नी कौशल्या साय भी पहुंची कथा सुनने

कुनकुरी विकासखंड में विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग के तौर पर मान्यता प्राप्त मधेश्वर महादेव के समीप हो रहे शिव महापुराण कथा को सुनने छत्तीसगढ़ सहित अन्य प्रदेशों से बड़ी संख्या में भक्तगण यहां पहुंचे हैं। 27 मार्च तक चलने वाली इस कथा में श्रद्धालुगण दिव्य अनुभव प्राप्त करेंगे। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय सहित उनके परिवार के अन्य सदस्य भी आज शिव महापुराण कथा का रसपान किया।

pt. pradeep mishra
पंडित प्रदीप मिश्रा बच्चे को अपने गोद में खिलाते हुए

श्रद्धालुओं की सुविधा के सभी इंतजाम

जशपुर जिला प्रशासन ने भी श्रदालुओं की सुविधा के लिए पूरे इंतजाम किए हैं। कार्यक्रम स्थल में मंच, बैठक व्यवस्था, बैरिकेडिंग, पंडाल खोया पाया केंद्र और अस्थाई अस्पताल की भी सुविधा उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ ही श्रद्धालुओं की टावर की समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने कथा स्थल पर मोबाइल का टावर भी लगवाया है।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story