अपनी जमीं, अपना रास्ता : सरकारी तंत्र से निराश 32 ग्रामीणों ने सड़क के लिए दान की अपनी जमीन और बना ली सड़क

Kutcha Road
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अपनी जमीन देकर ग्रामीणों ने बनाया सड़क
सरकारी तंत्र से हताश निराश सरगुजा संभाग के ग्रामीणों ने कच्ची सड़क के निर्माण के लिए अपनी जमीनों को दान में देकर एक अनोखी मिसाल पेश की है।

आशीष कुमार गुप्ता- बतौली- सेदम। छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के ग्रामीणों ने अनोखी मिसाल पेश की है। बतौली ब्लॉक के ग्रामीणों ने सड़क बनाने के लिए स्वयं की जमीन को दान में देकर प्रेरणा का स्त्रोत बन गए हैं। ग्रामीणों को मान नदी जाने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ता था। वहीं हैरानी की बात है कि, आजादी के इतने सालों के बाद भी ग्रामीण एक सड़क के लिए तरस रहे थे। लेकिन सरकारी योजनाओं के भरोसे न बैठकर लोगों ने अपना रास्ता स्वयं बना लिया।

दरअसल, ग्राम पंचायत सिलमा के ग्रामीणों को नदी पार जाने के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ता था। इसी समस्या को दूर करने ग्राम पंचायत सिलमा के 32 ग्रामीणों ने एकजुट होकर ग्राम पंचायत सिलमा के सरपंच संजय सिंह के नेतृत्व में ग्राम सभा में प्रस्ताव पारित किया। जिसके बाद ग्रामीणों ने अपने पट्टे की भूमि को स्वेच्छा अनुसार दान कर एग्रीमेंट के साथ ग्राम पंचायत को सौंप दिया है। प्रस्ताव पारित होने के तुरंत बाद लगभग 3 किलोमीटर की कच्ची सड़क बनाई गई। जिससे ग्राम पंचायत सिलमा के ग्रामीणों में खुशी का माहौल है।

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Motions passed
सर्वसम्मति से पारित हुआ प्रस्ताव

भू- दान कर ग्रामीणों ने पेश की मिसाल

इस संबंध में ग्राम पंचायत सिलमा के सरपंच संजय सिंह ने कहा कि, ग्रामीणों ने अनुकरणीय पहल कर सड़क के लिए जो भू दान किया है। यह काम पूरे सरगुजा संभाग के लिए एक मिसाल है। कई सालों से सड़क के लिए तरस रहे ग्रामीणों को कच्ची सड़क बनने से परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही खेती- किसानी समेत अन्य जरुरत के कामों को पूरा करने में भी आसानी होगी। वहीं सीतापुर एसडीएम रवि राही ने कहा कि, ग्रामीणों ने सराहनीय काम किया है। इस काम की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। कच्ची सड़क में जो भी कमी होगा उसे पूरा करने हर संभव मदद किया जाएगा।

इन लोगों ने की जमीन दान

बतौली के ग्राम पंचायत सिलमा के 32 ग्रामीण मनोज, बुढ़िया,जोहन, भदर, सावित्री, एतवारी बाई, पातर, फगुआ, कालीचरण, बंधु सिंह, दुभल,करमु, कुंवरसाय, सुशील,संजय, चमलेश्वर, पावला, जगरनाथ, बुढ़िया/टुकना, घुड़ा, तुरु, रमेश, केंदला, सियांबर, तेजराम, सीमा, संतन, रमाशंकर सिंह, दिलबोद, घना, किलौती , शिवलोचन, राजेश्वर ग्रामीण जन है जो अपने पट्टे की भूमि का स्वेच्छा दान किया है।

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