राममय छत्तीसगढ़: प्राण प्रतिष्ठा के दिन बस्तर के अरण्य में होगी...राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न की पूजा और भजन कीर्तन

वन विभाग से पहले पहुंच गए बजरंगी, लगाया राम का ध्वज।
माचकोट जंगल के तोलावाड़ा में है 400 साल पुराने 4 सागौन के विशाल वृक्ष ।
सुरेश रावल / जगदलपुर। माचकोट परिक्षेत्र के तिरिया से लेकर तोलावाड़ा के बीच के लगभग 10 किलोमीटर बियावान जंगल में आज भी दिन के समय न कोई ग्रामीण नजर आता है न ही वन विभाग का अमला। ऐसे में कई साल पहले जब घनघोर जंगल में करीब 400 साल पुराने 4 विशाल सागौन के वृक्ष खोजे गए, जिनका नाम राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न रखा गया है। उस समय इस जंगल का कैसा नजारा रहा होगा, यह समझा जा सकता है। 400 साल से अधिक पुराने 4 विशाल वृक्ष का एक कतार में 10-12 फीट की दूरी में होना मात्र संयोग नहीं कहा जा सकता, बल्कि इसका कहीं न कहीं उस काल से नाता हो सकता है। 22 जनवरी को जब अयोध्या के भव्य मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा होगी, उस दिन बस्तर के इस घने जंगल में बजरंगी राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघन की पूजा अर्चना कर भजन करेंगे। भगवान राम का लंका जाते समय बस्तर के दण्डकारण्य से नाता रहा है। वन अधिकारी ने इन वृक्षों का पता लगाया। उन्होंने इनका नाम राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघन रखा होगा।
सबसे लंबे भरत
हरिभूमि ने तोलावाड़ा पहुंचकर वर्तमान में इन वृक्षों की स्थिति का जायजा लिया। ऊंचाई में सबसे लंबा भरत का वृक्ष है, जो 45.50 मीटर और गोलाई 536 सेमी है। लक्ष्मण की ऊंचाई 39.40 मीटर और गोलाई 520 सेमी, शत्रुघन की ऊंचाई 33.05 मीटर और गोलाई 314 सेमी है। वहीं राम की ऊंचाई 43.05 मीटर और गोलाई 508 सेमी है। विशेष बात यह दिखाई पड़ी की यहां वन विभाग के पहले बजरंगी पहुंच गए हैं, जिनके द्वारा सामने गेट पर और भरत के वृक्ष में भगवान राम का पताका लगाया है, जो शान से लहरा रहा है। इस संबंध में विश्व हिन्दू परिषद के जिला मंत्री हरी साहू ने हरिभूमि से चर्चा में बताया कि माचकोट जंगल के गांव तिरिया, गुड़ाया और पुलचा में विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्तारहते हैं वे मुझसे भगवान राम का ध्वज और पताका लेकर गए हैं। उनके द्वारा ही वहां ध्वज फहराया गया है। शहर से 40 किमी दूर स्थित तोलावाड़ा के उस बियावान जंगल में उसी क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीण ही आना जाना करते हैं। काफी घनघोर जंगल है और दिन में भी सन्नाटा और खौफ जैसा वातावरण रहता है, इसलिए वहां शहरी क्षेत्र से कम ही लोग जा पाते हैं।
माइक सेट लेकर बजरंगी गाएंगे भजन कीर्तन
हरी साहू ने बताया कि 22 जनवरी को जब पूरा देश राममय रहेगा और अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी। उसी दिन हमारे बजरंगी भी तोलावाड़ा जाकर चारों विशाल वृक्ष राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न की पूजा अर्चना कर वहां भजन कीर्तन करेंगे। उस क्षेत्र में बिजली नहीं है, इसलिए बैटरी से चलने वाले माइक सेट लेकर जाएंगे। भगवान राम जहां अयोध्या में विराजेंगे, वहीं वनवास काल में भगवान राम को याद कर हमारे बजरंगी राम धुन गाएंगे।
चारों प्राकृतिक वृक्ष हैं
सेवानिवृत्त रेंजर अफसर माचकोट सुदर्शन सिंह ने कहा कि, मुझे रिटायर्ड हुए 17 साल हो गए है, जब मैं डिप्टी रेंजर था। तब मैंने ही चारों वृक्षों के सामने स्ट्रक्चर बनाया था जिसमें राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघन लिखा है। ये चारों वृक्ष प्राकृतिक हैं और बताया जाता है कि लगभग 400 साल उनकी आयु है। उस समय के डीफओ जिनके कार्यकाल में जंगल में सीमांकन के दौरान वृक्षों की गणना हुई थी, तब सागौन के चार विशाल वृक्ष दिखाई पड़े थे। उन्होंने ही उनका नाम राम, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न रखा था। ये चारों वृक्ष धरोहर हैं, इनकी रक्षा होनी चाहिए।
