सूदखोर रोहित तोमर की करतूत : जेल से ही दिलवा रहा है व्यापारी को धमकी, केस वापस लेने का डलवा रहा दबाव

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सूदखोर रोहित तोमर
सूदखोर रोहित तोमर जबरन वसूली के केस में जेल में बंद हैं। लेकिन इसके गुर्गे पीड़ित के घर जाकर उसे और उसके परिवार को धमका रहे हैं। जिससे डरकर एक व्यापारी ने ASP से सुरक्षा की मांग की है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सूदखोरी के अवैध धंधे की बात की जाय तो रोहित तोमर एक ऐसा नाम है जिसे कौन नहीं जानता है। उसकी गुंडई के भी किस्से किसी से छुपे नहीं हैं, फिर चाहे वो किसी क्लब में गोली चलाना हो.... या फिर घर में घुसकर जबरन वसूली करना हो। राजधानीवासी इससे काफी परेशान है। फिर चाहे यह सरगना जेल में बंद हो या फिर बाहर लोगों को इससे आतंक से मुक्ति नहीं मिल रही है। किसी की शिकायत पर पुलिस इसे उठाकर जेल में बंद कर देती है तो इसके गुर्गे उसे डराना- धमकाना शुरू कर देते हैं।

यहां देखें शिकायत पत्र

इस सूदखोर बदमाश के हौसलें इतने बुलंद हैं कि, वह जेल में बंद रहकर अपने गुर्गों से धमकी दिलवा रहा है और केस वापिस लेने के लिए पीड़ित व्यापारी को धमका रहा है। जिसके तंग आकर रविवार को एक व्यापारी ने पुलिस से अपने और परिवार की सुरक्षा की मांग की है। व्यापारी का कहना है कि, करणी सेना के अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह तोमर के भाई रोहित तोमर के गुंडे उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। ये गुंडे सूदखोरी का केस वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। जिसको लेकर उन्होंने रायपुर एएसपी सिटी को पत्र लिखकर शिकायत की है और सुरक्षा की मांग की है। इस बदमाश के खिलाफ सूदखोरी के कई मामले शहर भर के थानों में दर्ज हैं। यह बदमाश कई बार जेल भी जा चूका है और वर्तमान में यह जेल में बंद है।

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गुर्गे केस लेने का बना रहे दबाव, दे रहे जान से मारने की धमकी

अपनी शिकायत में रामकुमार गुप्ता ने लिखा है कि, जबरन वसूली और अपहरण के मामले में पुलिस ने रोहित सिंह तोमर और उसके मैनेजर योगेश सिन्हा को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद भी कुछ लोग मेरा पीछा करके मुझे धमकी दे रहे हैं। ये लोग रोहित तोमर के केस में राजीनामा करने के लिए दबाव बना रहे हैं। उनका कहना है कि, तुम रोहित तोमर के भाई और हमको नहीं जानते हो। हम तुम्हें और तुम्हारे परिवार को जान से खत्म कर देंगे। जिसके बाद पीड़ित ने पुलिस से सुरक्षा की मांग की है.

यह है पूरा मामला...

उल्लेखनीय है कि, पीड़ित कारोबारी रामकुमार गुप्ता ने रोहित तोमर और उसके मैनेजर योगेश सिन्हा पर कर्ज एक्ट, मारपीट, अपहरण समेत कई धाराओं के तहत FIR दर्ज कराई थी। जिसमें होटल कारोबारी ने पुलिस को बताया था कि, नवंबर 2023 में रोहित तोमर का मैनेजर योगेश सिन्हा घर पहुंचा। इसके बाद रोहित तोमर के पास चलने की बात कही। कारोबारी ने रोहित के पास जाने से मना कर दिया। योगेश ने रोहित को फोन किया। इसके बाद आरोपी रोहित उसके घर आ गया। परिवार के सामने गालियां दी। पिस्टल दिखाकर गाड़ी में बैठा लिया।

आरोपियों ने रख लिया 32 तोला सोना

पीड़ित ने आगे बताया कि, रोहित तोमर और उसके मैनेजर ने उससे मारपीट और उसे चंगोराभाठा इलाके के एक घर में बंधक बना लिया। जिसके बाद चेक और ग्रीन बॉन्ड पेपर में साइन करवाए। पेपर साइन करवाने के बाद अपनी कैद से रिहा किया और फिर पैसे मांगे। आरोपियों के डर से कारोबारी ने उसे बताया कि, उसका 32 तोला सोना बैंक में बंधक है। फिर आरोपियों ने सोना बैंक से छुडवाया और उसे अपने पास रख लिया। सोना रखने के बाद आरोपी ने चेक और बॉन्ड पेपर वापस नहीं दिया। इस सबके बाद भी आरोपी तोमर और उसका मैनेजर पीड़ित को लगातार परेशान करते रहा। आरोपियों की हरकत से परेशान होकर पीड़ित ने पुलिस में शिकायत की, तो पुलिस ने केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।

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