रायपुर जिले का हाल : स्कूल में टॉयलेट जाना पड़े तो सुलभ में देने पड़ते हैं 5 रुपये

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बिरगांव निगम क्षेत्र के कई स्कूलों में हाईटेक सुविधा तो दूर, बुनियादी सुविधा के लिए भी छात्र-छात्राएं मोहताज हैं। उनके लिए बनवाए गए यूरिनल व टॉयलेट की दुर्दशा हो चुकी है।

लवकुश शुक्ला - रायपुर। बिरगांव निगम क्षेत्र के कई स्कूलों में हाईटेक सुविधा तो दूर, बुनियादी सुविधा के लिए भी छात्र-छात्राएं मोहताज हैं। उनके लिए बनवाए गए यूरिनल व टॉयलेट की दुर्दशा हो चुकी है। इससे टॉयलेट जाने के लिए अछोली स्कूल के विद्यार्थियों को सुलभ में पैसा भी देना पड़ रहा है। रायपुर से महज 15 किलोमीटर दूर बिरगांव निगम क्षेत्र के सरोरा और अछोली में पढ़ने वाले मजदूर वर्ग के बेटे-बेटियों को शिक्षा का मंदिर कहलाने वाले स्कूलों में पानी व टॉयलेट की सुविधा भी नहीं मिल रही है। इस वजह से पढ़ने आने वाले बच्चों को टॉयलेट के लिए सुलभ शौचालय में पैसा देना पड़ रहा है। यह खुलासा हरिभूमि टीम द्वारा की गई पड़ताल में हुआ है।

स्कूलों के यूरिनल में गंदगी

पड़ताल में सरोरा-अछोली के प्राथमिक शाला में सुविधा और अव्यवस्था का आलम देखने को मिला। यूरिनल में गंदगी के चलते बच्चे उपयोग करने से बचते हैं। क्षेत्र के लोगों ने बताया कि स्कूल कैंपस में जहां जा सकते हैं, वहां दूर से आने वाले बच्चे जाते हैं। स्कूल के आसपास जिनका घर है, वे छुट्टी लेकर घर के टॉयलेट का उपयोग करते हैं।

टॉयलेट... एक संघर्ष कथा-3

रायपुर ही नहीं बिरगांव निगम क्षेत्र में भी छात्र-छात्राओं को स्कूलों में नहीं मिल रही सुविधा

पालकों व लोगों ने बताई पीड़ा

सरोरा निवासी यशवंत निर्मलकर ने बताया कि, नवीन प्राथमिक शाला मजदूर नगर में श्रमिकों के बेटे-बेटियों की शिक्षा होती है। वहां उनके लिए न तो पेयजल की सुविधा मिल रही और न स्कूल कैंपस में यूरिनल और टॉयलेट उपयोग के लायक बचा है। रखरखाव के अभाव में दुर्दशा की स्थिति में हैं। इस वजह से आसपास रहने वाले स्कूली बच्चे टॉयलेट के लिए छुट्टी लेकर घर जाते हैं। इस समस्या का सामना पढ़ाने वाले स्टॉफ को आसपास परिचितों के टॉयलेट का उपयोग करने की स्थिति बनती है।

मामले को संज्ञान में लिया जाएगा

रायपुर जिला शिक्षा अधिकारी विजय खंडेलवाल ने बताया कि, जिन-जिन स्कूलों की समस्या बता रहे है, वहां की वस्तुस्थिति की जानकारी लेने के बाद मामले को संज्ञान में लिया जाएगा। ऐसी अव्यवस्था का स्थाई समाधान करने के लिए प्लानिंग की जाएगी।

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