अरपा भैंसाझार प्रोजेक्ट में विलंब पर उठे सवाल : अब तक आठ बार बढ़ाई जा चुकी प्रोजेक्ट पूर्ण होने की समय सीमा

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान अरपा भैंसाझार प्रोजेक्ट को लेकर सदन में लंबी चर्चा हुई। अकलतरा से कांग्रेस विधायक राघवेंद्र सिंह ने प्रश्नकाल में इस मुद्दे को उठाया। इस प्रोजेक्ट की लागत को लेकर विधायकों ने सवाल उठाए।
विधायकों के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री केदार कश्यप ने बताया कि, अरपा भैंसाझार प्रोजेक्ट की वर्तमान लागत 1141.90 करोड़ है। लागत में एक बार बढ़ोत्तरी की गई है। उन्होंने बताया कि, निर्माणकर्ता ने शर्तों का पालन किया है। 8 बार निर्माण की पूर्णता अवधि को बढ़ाया गया है। इसके बाद विधायक धर्मजीत सिंह, धरमलाल कौशिक ने भी सवाल उठाए। तब स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने कहा- मंत्री बिलासपुर जाकर विधायकों और अफसरों के साथ बैठक कर निराकरण करेंगे। इस पर धरमलाल कौशिक ने कहा- हमारी पीड़ा अब तक प्रोजेक्ट पूरा नहीं होने को लेकर है। मंत्री वहां जाकर क्या कर लेंगे। स्पीकर ने कहा- मंत्री आपकी पीड़ा दूर करेंगे, आप भी यहीं हैं, हम भी यहीं हैं। अगर पीड़ा दूर नहीं हुई तो यहीं सदन में जानकारी दीजिए।
बाघ की मौत पर उठे सवाल
प्रश्नकाल के दौरान ही गोमर्डा अभयारण्य में बाघ की मौत के मामले को नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत ने उठाया। उन्होंने पूछा- गोमर्डा अभयारण्य में कैसे हुई बाघ की मौत? वन विभाग को कब मिली मौत की जानकारी? वनमंत्री केदार कश्यप जानकारी देते हुए बताया कि, बिजली तार की चपेट में आकर बाघ की मौत हुई, उन्होंने कहा कि, जंगली सुअर के शिकार के लिए ग्रामीणों ने तार बिछाया था, जिसकी चपेट में बाघ आ गया। उन्होंने आगे बताया कि, 16 से 18 जनवरी के बीच बाघ की मौत हुई। 19 जनवरी को विभाग को सूचना मिली। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष के सवाल की स्पीकर डा. रमन सिंह ने सराहना करते हुए कहा कि, चरणदास महंत मूक पशुओं की भी चिंता करते हैं। इस पर भाजपा धर्मजीत सिंह ने कहा- चरणदास महंत को मूक पशुओं से प्रेम है, इन्हें विद्याचरण शुक्ल की तरह शेर पालना चाहिए। धर्मजीत के शेर पालने की सलाह पर चरणदास महंत ने कहा- मेरा राजपरिवार से संबंध नहीं है। मैं शेर नहीं पालना चाहता।
बाघ की मौत पर महंत ने लगाए गंभीर आरोप
गोमर्डा अभयारण्य में बाघ की मौत को लेकर चरणदास महंत ने आरोप लगाते हुए कहा कि, वन विभाग गलत जानकारी दे रहा है। ट्रेप कैमरे से लगातार बाघ की निगरानी की गई, बाघ की मौत के मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। उनहोंने कहा- जेड प्लस वाले बाघ के संबंध में भी जानकारी नहीं है। न्यायिक जांच को लेकर गलत जानकारी दी गई। विधायकों की समिति से पूरे मामले की जांच कराई जाए। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत तंज कसते हुए कहा कि, कहा- आपके वन विभाग में बहुत से सुअर आ गए हैं। एक बार इन सुअरों की भी गिनती करवा लें।
- होम
- क्रिकेट
- ई-पेपर
- वेब स्टोरीज
- मेन्यू
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS