सूख रहे जलस्रोत : कवर्धा जिले के खारा गांव में पानी भी 'खारा', टैंकर से पानी मंगाने को मजबूर हैं ग्रामीण

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कबीरधाम जिले में पानी की समस्या लगातार गहराती जा रही है
कबीरधाम जिले में गर्मी की वजह से गांव में सभी जलस्रोतों का पानी सूख चुका है। ग्रामीणों के लिए टैंकर का पानी ही सहारा बना हुआ है।

संजय यादव-कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में पानी की समस्या लगातार गहराती जा रही है। भीषण गर्मी के तांडव से जन जीवन अस्त व्यस्त हो चुका है। बढ़ते तापमान के बीच जिले के कई गांवों में भीषण जल संकट की स्थिति निर्मित हो गई है। आम जनजीवन में पानी की एक-एक बूंद के लिए हाहाकार मचा है। कबीरधाम जिले का एक ऐसा गांव जहां पानी के लिए 450 कुंआ खोदा गया, 9 हैंडपंप है फिर भी ग्रामीणों की प्यास नहीं बुझ रही है। जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर खारा गांव है, यहां की आबादी लगभग 2300 है।

खास बात यह है,कि गांव में 450 से अधिक कुंआ है, 9 हैंडपंप है और सभी की हलख पूरी तरह से सूख चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि पानी में खारापन और आयरन की मात्रा अधिक होने के कारण ग्रामीणजन हैंडपंप के पानी का उपयोग सिर्फ निस्तारी के लिए करते थे। लेकिन भीषण गर्मी के चलते सभी हैंडपंप के हलख भी सूख चुके हैं, ऐसे में ग्रामीणों के लिए पानी की विकराल समस्या खड़ी हो गई है।

टैंकर का पानी बना हुआ है एकमात्र सहारा

ग्रामीणों का कहना है कि अगर टैंकर से पानी की सप्लाई बंद हो जाएगा तो, आधा गांव के लोगों का जीना मुशिकल हो जाएगा। टैंकर से पानी मिलने के बाद ही घर मे खाना पकता है,जैसे ही टैंकर गांव में आता है लोग बर्तन के लेकर पीछे दौड़ते हैं। अगर पानी बच गया तो नहाते है, नहीं तो कुछ लोग दूसरे गांव नहाने जाते हैं। इस तरह से पानी की कमी लोगों का यहां खा रही है।

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