धान पर मंडरा रहा खतरा : उपार्जन केन्द्रों में आई सूखत की समस्या, कर्मचारियों और समिति प्रबंधकों को करना पड़ रहा दिक्कतों का सामना

Paddy
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खरीदी के 72 घंटे के अंदर धान का उठाव हो जाना चाहिए। लेकिन 4 फरवरी के बाद से ही धान का उठाव नहीं हुआ
सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी होने के बाद उपार्जन केन्द्रों से धान का उठाव वक्त पर नहीं होने के चलते सोसाइटियों में रखे धान खराब होते जा रहे हैं।

कुश अग्रवाल/पलारी- छत्तीसगढ़ के पलारी में विभिन्न सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी होने के बाद उपार्जन केन्द्रों से धान का उठाव वक्त पर नहीं होने के चलते सोसाइटियों में रखे धान खराब होते जा रहे हैं। खरीदी के 72 घंटे के अंदर धान का उठाव हो जाना चाहिए। लेकिन 4 फरवरी के बाद से ही धान का उठाव नहीं होने से समिति प्रबंधकों और सदस्यों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पिछले साल भी उपार्जन केन्द्रों में आई सुखत की समस्या की वजह से कर्मचारियों और समिति प्रबंधकों को दिक्कत आई थी।

धान में नमी आने की आशंका

बारिश की वजह से धान में नमी आने की आशंका बनी रहती है। आने वाले समय में धूप में तेजी आते ही धान के सूखत में तेजी आने की संभावना समिति प्रबंधक जता रहे हैं। अगर धान परिवहन में तेजी नहीं आई तो सोसाइटियों मे सूखत से नुकसान की संभावना बढ़ने के आसार हो जाएंगे।

बेरोजगारी की समस्या

सहकारी समिति में काम करने वाले बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे हैं। क्योंकि परिवहन नहीं होने के कारण उनके सामने भी रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। ऐसे में क्या किया जाए और क्या नहीं...उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है।

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