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छत्तीसगढ़ में सरकार बदलने के बाद से ही कई बदलाव होने लगे हैं। आज साय कैबिनेट ने राजिम पुन्नी मेले का नाम फिर से बदलकर भव्य आयोजन का रास्ता साफ कर दिया है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने शुक्रवार की सुबह बजट को हरी झंडी दिखाने के लिए विधानसभा में बुलाई गई कैबिनेट की बैठक में राजिम माघी पुन्नी मेले का नाम बदलने का भी फैसला कर लिया। अब यह फिर से 'राजिम कुंभ कल्प' के नाम से जाना जाएगा।

साय सरकार ने राजिम कुंभ (कल्प) मेले को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है। इस बैठक में राजिम के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक वैभव को फिर से स्थापित करने के लिए इस फैसले को जरूरी बताया गया है। कैबिनेट की बैठक में जल की शुद्धता बनाए रखने के लिए भारत सरकार द्वारा जल संशोधन विधेयक 2023 के संबंध में विधानसभा में संकल्प लाने का निर्णय लिया गया। 

राजिम कुंभ 28 फरवरी से, रामोत्सव के रूप में मनेगा

धार्मिक मामलों और संस्कृति- पर्यटन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के मुताबिक, राजिम कुंभ कल्प आयोजन 28 फरवरी से 8 मार्च तक होगा। हाल ही में मंत्री ने गरियाबंद, रायपुर, धमतरी जिले के अधिकारी कर्मचारी सहित जनप्रतिनिधि और मेला समिति के सदस्यों के साथ बैठक की है। इस बार राजिम कुंभ कल्प को रामोत्सव के रूप में मनाने की तैयारी है। सरकारी अधिकारियों को निर्देश हैं कि, आयोजन में राजिम कुंभ की भव्यता दिखे। राजिम मेले में इस दौरान तीन पुण्य स्नान होंगे। देशभर से बड़ी संख्या में नागा साधु संत भी शामिल होंगे। 

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पंडित धीरेंद्र शास्त्री, पंडित प्रदीप मिश्रा भी आयेंगे 

राजिम के मेले में विश्वस्तरीय साधु संतों में बागेश्वर धाम के बाबा पंडित धीरेंद्र शास्त्री, पंडित प्रदीप मिश्रा भी आयेंगे। दोनों ही संतों को मानने वाले करोड़ों लोग हैं। रायपुर में पिछले दिनों हुए दोनों ही संतों के कार्यक्रमों में 7 से 8 लाख लोग पहुंचे थे।

पीडब्ल्यूडी, बिजली, पीएचई अफसरों को सौंपा गया काम

मंत्री अग्रवाल ने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों से तैयारी की जानकारी ली। उन्होंने रायपुर से गरियाबंद निर्माणाधीन सड़क सहित छुरा, जतमई, घटारानी, धमतरी सड़क एवं राजिम महासमुंद जाने वाली सड़कों में चल रहे कार्यों की जानकारी लेकर निर्माण कार्यों को पूर्ण कर चलने लायक बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही सड़कों पर उड़ने वाली धूल से बचाव के लिए लगातार पानी भी छिड़काव करने के निर्देश दिए। बिजली विभाग कुंभ मेला के दौरान लाइटिंग, ट्रांसफार्मर, जनरेटर की व्यवस्था, सजावट, पुल-पुलिया में रोशनी का बंदोबस्त करेगा। पीएचई विभाग को मेला स्थल में पर्याप्त जलापूर्ति करने और लगभग 300 शौचालय निर्माण के निर्देश दिए गए हैं। वन विभाग से पर्याप्त जलाऊ लकड़ी, झोपड़ी निर्माण, यज्ञ के लिए आवश्यक लकड़ी व्यवस्था करने को कहा गया है।

सभी दिशाओं से देर रात तक सौ से ज्यादा बसें चलेंगी

मंत्री अग्रवाल ने मेला अवधि के दौरान तीनों जिलों रायपुर, गरियाबंद, धमतरी के परिवहन विभाग को कोऑर्डिनेशन करते हुए सभी दिशाओं से लगभग 100 बस अलग अलग टाइमिंग में रात 2 बजे तक चलाने के निर्देश दिए हैं। ताकि मेला आने वालों को आवागमन में परेशानी न हो। साथ ही बस में सुरक्षा की दृष्टि से होम गार्ड भी रखना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। खाद्य विभाग को पर्याप्त संख्या में दाल भात केंद्र संचालित करने कहा गया है। तीनो जिलों के अधिकारी को प्लान करके 100 से अधिक दाल भात केंद्र खोलने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने सामाजिक संस्थानों का भी इसमें सहयोग लेने के निर्देश दिए। जिससे मेला आगंतुकों को खाने पीने में असुविधा न हो।

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