निसंतान महिला ने तोड़ी रुढ़िवादी परंपरा : क्रियाकर्म करने भतीजे ने मांगे पैसे, पत्नी ने खुद ही शमशान पहुंचकर पति को दी मुखाग्नि

Wife lighting the funeral pyre of her husband
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पति की चिता को मुखाग्नि देती हुई पत्नी
कोरिया जिले से मानवता को शर्मशार करने का मामला सामने आया है। दरअसल, मुखाग्नि देने के लिए भतीजे ने पैसों की मांग की। इसके बाद मृतक की पत्नी ने स्वयं ही अपने पति को मुखाग्नि दी और क्रियाकर्म किया।  

रविकांत सिंह राजपूत-कोरिया। कोरिया जिले के पटना से सटे ग्राम पंचायत करजी के मुक्ति धाम में एक महिला ने अपने पति को मुखाग्निी दी। जिसे देख कर ग्रामिणों के आंखों से आंसू आ गए। बताया जा रहा है कि, ग्राम पंचायत करजी निवासी कतवारी लाल राजवाड़े (47) अपनी पत्नी श्यामपति के साथ रहता था। कतवारी लाल पिछले दो साल से मुंह के कैंसर से पीड़ित था। करीब 6 महीने से स्थिति बहुत दयनीय हो गई थी। इलाज के लिए पत्नी ने हिस्से में मिले जमीन को बेच दिया। लेकिन कतवारी की जान नहीं बच सकी।

सोमवार को श्यामपति और ग्रामीणों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई कि, अंतिम संस्कार में कतवारी लाल को मुखाग्नि कौन देगा क्योंकि, शादी के 25 साल बाद भी उनकी कोई संतान नहीं है। तब राजवाड़े समाज के लोगों ने मृतक कतवारी के बड़े भाई के लड़के संतलाल को मुखाग्निी देने और क्रिया कर्म करने की सलाह दी। तब संतलाल ने इसके बदले एक लाख रुपये या 5 डिसमील जमीन की मांग की।

भतीजे की असंवेदनशीलता ने तोड़ा मन

मृतक की पत्नी ने कहा कि, उनके पास महज 15 से 20 डिसमील जमीन जीवन यापन करने के लिए है उसमें से वह 5 डिसमील जमीन दे देगी तो जीवन यापन कैसे करेगी। वह 15 हजार रुपए देने के लिए तैयार थी लेकिन वह नहीं माना तब अंत में मृतक कतवारी लाल राजवाड़े की पत्नी श्यामपति राजवाड़े ने स्वयं मुखाग्निी देने और समस्त क्रिया कर्म करने का फैसला लिया और अपने पति के अर्थी को कांधा देकर मुक्तिधाम पहुंची और मुखाग्निी दी। पति की अर्थी को कंधा देकर मुक्तिधाम ले जाते और अंतिम संस्कार में मुखाग्निी देते हुए देखने वालों की भीड़ गांव के सड़कों के किनारे और मुक्तिधाम में लग गई थी। जिसने भी यह मंजर देखा सभी के आंखों से आंसू आ गए।

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