सरेंडर के बाद हाईस्कूल पास हुआ नक्सली : दो सौ बैगा बच्चों ने भी दिलाई परीक्षा, 140 हुए पास, डिप्टी सीएम ने दी बधाई

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आत्मसमर्पित नक्सली लिबरू
कवर्धा जिले में सरेंडर किए नक्सल दंपति ने ओपन परीक्षा पास कर ली है। डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने वीडियो कॉल में बात कर उन्हें बधाई दी है।

संजय यादव-कवर्धा। कबीरधाम जिले में नक्सली न सिर्फ मुख्यधारा से जुड़ रहे हैं बल्कि, अब पढ़ाई-लिखाई पर भी ध्यान दे रहे हैं। साल 2021 में आत्मसमर्पण करने वाले दंपति लिबरू उर्फ दिवाकर और लक्ष्मी ने तकरीबन 12 साल बाद दसवीं की ओपन परीक्षा दी। इसमें दिवाकर 35 प्रतिशत अंकों के साथ पास हुए हैं। आज डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने पूर्व नक्सल दंपति से विडियो कॉल में बात कर बधाई दी।

बता दें कि, पुनर्वास योजना के तहत आत्मसमर्पित नक्सलियों को मकान के लिए जमीन और रूपये देने का प्रावधान है। पुलिस अधीक्षक डॉ अभिषेक पल्लव ने कहा कि, योजना का लाभ मिलने से आने वाले दिनों में निश्चित ही और नक्सली भी मुख्यधारा से जुड़ेंगे। उन्होंने बताया कि, इस साल वनांचल में निवासरत 200 बैगा युवक-युवतियों को भी ओपन परीक्षा का फार्म भरवाए गया है। इसमें अभी तक 140 बच्चों के पास होने की खबर है।

संगठन में रहना यानि बेमौत मर जाना- आत्मसमर्पित नक्सली

जब मीडिया ने आत्मसमर्पित नक्सली से बात करते हुए पूछा कैसा लग रहा है तो उसने कहा- मुख्यधारा में जुड़कर बहुत अच्छा लग रहा है। मैंने 12 साल बाद हाईस्कूल की परीक्षा दी और पास हो गया। डिप्टी सीएम साहब ने हमसे बात की और बधाई दी। मीडिया के सवाल पर कि, अपने साथियों को क्या संदेश देना चाहोगे तो लिबरू उर्फ दिवाकर ने कहा कि, मैं बस इतना कहना चाहूंगा कि, संगठन में रहकर बस जंगल में भटकना है। कोई लाभ नहीं मिलता है अंतत: जवानों के साथ हुए मुठभेड़ में मरने की नौबत आ जाती है। इसलिए आप सब भी मुख्यधारा में जुड़ें।

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