नक्सली फरमान : गांव छोड़ो या मरो, आठ परिवारों का हुक्का पानी बंद, 17 ने घर छोड़ा

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नक्सलियों ने आठ परिवारों का हुक्का पानी किया बंद
दंतेवाड़ा जिले के बारसूर थाना क्षेत्र के दो गांव के आठ परिवार के 17 सदस्यों को नक्सलियों ने जनअदालत में तलब किया फिर उन्हें गांव छोड़ने का फरमान जारी किया। 

जगदलपुर/गीदम । दंतेवाड़ा जिले के बारसूर थाना क्षेत्र के दो गांव के आठ परिवार के 17 सदस्यों को नक्सलियों ने जनअदालत में तलब किया फिर उन्हें गांव छोड़ने का फरमान जारी किया। नक्सलियों ने सभी पर पुलिस मुखबरी का आरोप लगाया है। जिसके बाद नक्सलियों के खौफ के चलते सभी ग्रामीणों ने बस्तर जिले के किलेपाल व वाहनपुर गांव में पनाह लेने पहुंचे हैं।

जानकारी के मुताबिक, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले के सरहदी पंचायत तुसवाल के तोड़मा के 3 तथा कोहकाबेड़ा गांव के 5 कुल आठ परिवारों को नक्सलियों ने जान से मारने की धमकी देकर तीन दिन पूर्व गांव से बेदखल होने का फरमान जारी करते हुए गांव छोड़ने कहा था। गौरतलब है कि दंतेवाड़ा जिले के बारसूर थाना क्षेत्र में नक्सलियों की दहशत अब भी बरकरार है। हालात ये हैं कि नक्सलियों की धमकी के बाद दो गांव के आठ परिवारों का हुक्का पानी बंद करके गांव से बेदखल कर दिया गया है। बेदखल हुए ग्रामीणों का कहना है कि नक्सलियों ने हमारे परिवारों को जान से मारने की धमकी देने के बाद गांव छोड़ने का फरमान सुनाया। इसके बाद गांव के अन्य परिवारों में भी दहशत देखी जा रही है।

पुलिस दे रही सुरक्षा, विकास से बौखलाए नक्सली- एसपी गौरव राय

दंतेवाड़ा एसपी गौरव राय ने बताया कि नक्सल ऑपरेशन में लगातार नक्सलियों के बड़े लीडर मारे जा रहे हैं और बहुत से बड़े लीडर आत्मसमर्पण कर चुके हैं। यही वजह है कि नक्सली बौखलाए हुए हैं और भोले भाले ग्रामीणों को परेशान कर रहे हैं। नक्सलियों ने आठ परिवारों को गांव से बेदखल करने का फरमान सुनाया है। पुलिस प्रशासन इन परिवारों को पूरी सुरक्षा दे रहा है।

पूर्वी बस्तर डिविजन के नक्सलियों ने लगाई थी जनअदालत

बताया जा रहा है कि, तीन दिन पूर्व नक्सल संगठन के पूर्वी बस्तर डिविजन के करीब 50 की संख्या में माओवादी गांव पहुंचे थे। इसके बाद ग्रामीणों को बारसूर थाना क्षेत्र के जंगल में ले जाकर जनअदालत लगाई। नक्सलियों ने जनअदालत में ग्रामीणों पर थुलथुली मुठभेड़ में पुलिस के लिए मुखबरी करने का आरोप लगाया है। नक्सलियों का कहना था कि पुलिस मुखबिरी करने की वजह से थुलथुली मुठभेड़ में उनके कई साथी मारे गए थे।

इन गांवों के ग्रामीणों ने नक्सल फरमान के बाद गांव छोड़ा

बाररसूर थाना क्षेत्र के तुसवाल पंचायत के जिन ग्रामीणों ने गांव छोड़ा इनमें कोहकाबेड़ा गांव के गुड्डूराम कुहरामी, दुकारू पदामी, श्रीमती लच्छनबाई, दुसो पदामी, राधिका, वैशूराम पदामी, सामो, हान्दे, नंदू पदामी, मनीराम कश्यप, मंगल कश्यप, रोण्डा वेको, सुकड़ी, प्रमिला तथा ग्राम तोड़मा के लक्ष्मण कश्यप, पायको कश्यप व मनारू करटामी शामिल है।

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