आखिरी गांव तक पहुंची पुलिस : अबूझमाड़ के महाराष्ट्र से लगे बार्डर पर गांव नीलांगूर में खोला गया सुरक्षा एवं जनसुविधा कैंप

Narayanpur, Last village Nilangur, Maharashtra border, Security, Public facilities camp
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सुरक्षा कर्मियों की सामूहिक तस्वीर
नारायणपुर जिले के नीलांगूर में नया सुरक्षा एवं जन सुविधा कैंप खोला गया है। जिससे ग्रामीणों में नक्सलियों का भय समाप्त होगा। 

नारायणपुर। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के नीलांगूर में सुरक्षा एवं जनसुविधा कैंप खोला गया है। छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र सिमा को जोड़ने वाली पहुंचमार्ग को पूरी तरह पूर्ण कर लिया गया है। नेलांगुर अबूझमाड़ में महाराष्ट्र सीमा पर नारायणपुर का आखिरी गांव है। नक्सलियों के पोलित ब्यूरो सदस्यों और सेंट्रल कमेटी सदस्यों के तथाकथित गढ़ में सुरक्षा बल पहुंचे हैं। जिससे माओवादी संगठन घ्वस्त हो रहा है माओवादी संगठन में जुडे़ नक्सली सदस्य अत्याधिक संख्या में आत्म समर्पण की ओर अग्रसर है। निश्चित ही नक्सल मुक्त बस्तर की कल्पना साकार रूप ले रहा है।

क्षेत्र में समस्त विकास की बहेगी गंगा

ग्रामीणों ने पुलिस कैम्प का स्वागत किया। मुख्यरूप से बिजली, नल-जल, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोड इत्यादि मूलभूत सुविधाओं की मांग रखी गई है। जिसे जल्द पूर्ण कराए जाने के साथ ही ‘जन समस्या निवारण शिविर' का आश्वासन दिया गया। नियद नेल्लानार अंतर्गत विकास की सभी योजनाओं का पूर्ण रूप से कियान्वयण किया जाएगा। साथ ही विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं को गांव तक पहुंचाया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग 130 DK निर्माण में तेजी आएगी। पदमकोट नेलांगुर के बाजार में भी रौनक देखने को मिली। विकास कार्यों की मांग रखी भी रखी गई। सड़क पर होर्डिंग लगाई गई 'छत्तीसगढ़ में आपका स्वागत' है। छत्तीसगढ़ सीमा समाप्त के साथ नागपुर और मुंबई से लेकर जगदलपुर और रायपुर तक की दूरी का सूचक बोर्ड भी लगाया गया। पूरब से पश्चिम दिशा की ओर नारायणपुर से 65 किलोमीटर सड़क की पहुंच पूर्ण। नक्सल विरोधी अभियान अब और भी प्रभावी होंगे।

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नारायणपुर का आखिरी गांव नीलांगूर

नारायणपुर पुलिस द्वारा थाना कोहकामेटा के नीलांगूर गांव में नक्सल विरोधी अभियानों एवं कुतुल-बेडमाकोटी-पदमकोट- नेलांगुर-महाराष्ट्र- मार्ग तक सड़क निर्माण कार्य में सुरक्षा प्रदान किए जा रहे हैं। यहां के विकास कार्याे में तेजी लाने के उद्देश्य से 23 अप्रैल को नारायणपुर पुलिस डीआरजी, बस्तर फाईटर एवं आईटीबीपी आईटीबीपी 41वीं, 29वीं, 45वीं, 38वीं, 53वीं वाहिनी के द्वारा घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र माओवादियों के आश्रय स्थल नारायणपुर-महाराष्ट्र सीमा के आखरी गांव नीलांगूर में नवीन कैम्प स्थापित किया गया है। विगत एक साल में 13वां नवीन कैम्प नीलांगूर में खोला गया।

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ग्रामीणों में तेजी से घट रहा है नक्सलियों का भय

ग्राम नेलांगूर में नवीन कैम्प स्थापित होने से क्षेत्र के ग्रामीणों में काफी उत्साह एवं सुरक्षा का माहौल बना हुआ है। ग्राम नेलांगुर तहसील व थाना कोहकामेटा व ओरछा ब्लाक क्षेत्रान्तर्गत स्थित है। नवीन कैम्प थाना कोहकामेटा से 31 कि.मी. दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित है। पदमको-नेलांगुर में सुरक्षा एवं जन सुविधा पुलिस कैम्प खुलने और बाजार लगने से लोगों को उनके मूलभूत दैनिक उपयोगी सामग्री उपलब्ध होने से रौनक दिखी है। सुरक्षा बलों को नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अपनी पहुंच और निगरानी, स्थानीय लोगों को नक्सल हिंसा से निजाद दिलाने में मदद मिलेगी। यह कदम नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए कारगर रहेगा।

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इनकी रही अहम भूमिका

सुन्दराज पी. पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज जगदलपुर, अमित तुकाराम कांबले उप पुलिस महानिरीक्षक कांकेर, राणा युद्धवीर सिंह डीआईजी आईटीबीपी, प्रभात कुमार पुलिस अधीक्षक नारायणपुर, नरेन्द्र सिंह कमाण्डेंट 41वीं वाहिनी आईटीबीपी, दुष्यंत राज जायसवाल कमाण्डेंट 29वीं वाहिनी आईटीबीपी, राजीव गुप्ता कमाण्डेंट 45वीं वाहिनी आईटीबीपी, संजय कुमार कमाण्डेंट 53वीं वाहिनी आईटीबीपी, सिद्धार्थ कुमार कमाण्डेंट 38वीं वाहिनी आईटीबीपी, रोबिनसन गुडिया अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नारायणपुर सुनील पोखरियाल, सेक्टर डिप्टी कमाण्डेंट आईटीबीपी के निर्देशन में नवीन कैम्प स्थापना में नारायणपुर डीआरजी, बस्तर फॉईटर एवं आईटीबीपी 41वीं, 29वीं, 45वीं, 38वीं, 53वीं वाहिनी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

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