साधू की कुटिया में आते हैं भालू : जंगली भालू रोजाना कुटिया में चले आते हैं , नुकसान पहुचाएं बिना चले जाते हैं वापस

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रोजाना साधू की कुटिया में आते हैं जंगली भालू
छत्तीसगढ़ के उत्तर-पश्चिमी छोर पर बसे मनेंद्रगढ़ जिले में एक गांव ऐसा भी है जहां साधू की कुटिया में जंगली भालू रोज प्रसाद खाने आते हैं। 

प्रवीन्द्र सिंह- मनेंद्रगढ़। छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़, चिरमिरी, भरतपुर जिले में स्थित एक साधू की कुटिया के पास रोज जंगली भालू का झुण्ड आता है। ये भालू खाने की चीजे साधू द्वारा खिलाए जाने के बाद वापस जंगल में लौट जाता है। यह सिलसिला करीब एक दशक से चलता आ रहा है।

दूर-दूर से देखने आते हैं लोग

इस तरह के घटना को देखने के लिए लोग अपने साथ भालू को खिलाने की चीजें लेकर भालू को देखने पहुंचते हैं। लेकिन भालुओं ने आज तक किसी पर हमला नहीं किया है। जबकि जंगली जानवर हिंसक होते हैं और उन पर विश्वास करना मुश्किल होता है। साधू की कुटिया में पहुंचने वाले भालू एक दशक से आ रहे हैं, लेकिन इस दौरान अब तक किसी को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है।

जंगल क्षेत्र से 3 भालू आते हैं

बताया जाता है कि, जंगल क्षेत्र से 3 भालू साधू की कुटिया के पास पहुंच जाते हैं। जिन्हें साधू द्वारा खाने की चीजें खिलाया जाता है। भालू खाने के बाद फिर से जंगल की ओर निकल जाते हैं। यह घटना न केवल स्थानीय लोगों को, बल्कि दूर-दूर से आने वाले लोगों को भी अपनी ओर आकर्षित किया है।

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