जब निकली गाय की अंतिम यात्रा : बैंड पर धार्मिक धुन, सजी गाड़ी पर रखा था शव, श्रद्धांजलि देने उमड़े लोगों की आंखें हुईं नम

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गो पालक अपनी गाय की मौत हो जाने पर धूमधाम से बैंड बाजे के साथ अंतिम यात्रा निकली
छत्तीसगढ़ के कवर्धा शहर में एक गो पालक ने नई पहल की है। उन्होंने अपनी गाय की मौत पर उसकी अंतिम यात्रा बाकायदा बाजे-गाजे के साथ निकाली।

संजय यादव- कवर्धा। गाय के प्रति आस्था, श्रद्धा और समर्पण भारतवर्ष में कोई नई बात तो नहीं है, लेकिन कोई गो पालक अपनी गाय की मौत हो जाने पर धूमधाम से बैंड बाजे के साथ अंतिम यात्रा निकाले... यह जरूर नई पहल है। ऐसा हुआ है, छत्तीसगढ़ के कवर्धा शहर में।

दरअसल, गो पालक राजू पाण्डेय की एक गाय लंबे समय से अस्वस्थ थी। उन्होंने अपनी प्यारी गाय की हरसंभव सेवा सुश्रुसा की। लेकिन सोमवार की सुबह उसकी मौत हो गई। तब श्री पांडेय ने अपनी गाय की अंतिम यात्रा सम्मानपूर्वक निकालने की सोची। एक नई पहल करते हुए श्री पांडेय ने गाय की अंतिम यात्रा निकाली, वह भी बाकायदा सजी हुई गाड़ी में। विदाई यात्रा उन्होंने बाजे- गाजे के साथ बड़े ही सम्मानपूर्वक निकाली।

परिजनों के साथ मोहल्लेवासी भी हुए शामिल

अंतिम यात्रा में न केवल गो पालक राजू पाण्डेय का परिवार शामिल हुआ बल्कि मोहल्लेवासी भी अंतिम दर्शन और विदाई में शामिल हुए। इस दौरान गाय के प्रति लोगों का प्रेम और सम्मान इस कदर देखने मिला कि, अनेक महिलाओं की आंखे नम थीं।

महिलाओं की आंखें नम, नए कपड़ों से लाद दिया शव

छत्तीसगढ़ में किसी भी परिजन की मौत पर शव पर सफेद या पीला कपड़ा डालने की प्रथा है। यहां गाय की अंतिम यात्रा जिसके भी घर के सामने से गुजरती उसी घर की महिलाएं जिसके हाथ जो नया कपड़ा लगा, उसे गाय के शरीर पर डालने लगीं। कई महिलाओं की आंखों में आंसू थे। बड़ी संख्या में महिलाएं साड़ियां ओढ़ा रही थीं। कवर्धा शहर में एक गाय की अंतिम यात्रा का यह वीडियो अब सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है।

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