गढ़पहाड़ में मिले आदिमकालीन शैलचित्र : घने जंगलों के बीच पहाड़ी के ऊपर है गुफा, मध्य पाषाण काल के उपकरण भी मिले 

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गढ़पहाड़ की गुफा पर आदिमकालीन शैलचित्र मिले
जशपुर से लगभग 30 किलोमीटर दूर मनोरा विकासखंड में स्थित यह पुरातात्विक स्थल जयमरगा गांव का गढ़पहाड़ पर लगभग 300 मीटर तक चढ़ाई करने के बाद इस गुफा तक पहुंचा जा सकता है। 

खुर्शीद कुरैशी- जशपुरनगर। छत्तीसगढ़ का जशपुर जिला प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण तो है ही, पुरातात्विक दृष्टिकोण से भी समृद्ध है। यहां की प्राकृतिक छटा सहज ही लोगों को आकर्षित करती है। यहां पर प्राकृतिक तौर पर निर्मित झरने, गुफाएं, पहाड़ों का आकर्षण ऐसा है कि, पर्यटक खिंचे चले आते हैं। इसी तरह की एक जगह है ग्राम जयमरगा का गढ़पहाड़। यहां पर प्राकृतिक तौर पर निर्मित गुफा में आदिमकालीन शैलचित्र मिले हैं। इससे पता चलता है कि, आदिमानव यहां पर निवास करते रहे होंगे। उनकी बनाई कलाकृति आज भी यहां पर मौजूद हैं।

जशपुर जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर जयमरगा गांव है। ग्राम पंचायत डड़गांव का यह आश्रित गांव जयमरगा मनोरा विकासखंड के अंतर्गत आता है। गांव की आबादी लगभग 1400 है। इस गांव तक पहुंचने के लिए सड़कें बनी हुई है। जयमरगा पहुंचने पर यहां की गढ़पहाड़ पर लगभग 300 मीटर तक चढ़ाई करने के बाद इस गुफा तक पहुंचा जा सकता है। इस गुफा में ही आदिमकालीन शैलचित्र बने हुए हैं। ग्रामीण यहां पर पूजा भी करते हैं।

Primitive rock paintings

मध्य पाषाण काल के उपकरण भी मिले

पुरातत्त्ववेत्ता डॉ. अंशुमाला तिर्की और बालेश्वर कुमार बेसरा ने बताया कि, जयमरगा गाँव में प्रागैतिहासिक स्थलों की भरमार है। यहाँ पहाड़, जंगल और नदी के कारण प्रागैतिहासिक मनुष्यों के जीवन के लिए आवश्यक भोजन, पानी और आश्रय की उपलब्धता थी। इस गाँव में एक प्रागैतिहासिक शैलचित्र गुफा है। जहाँ मध्य पाषाण काल के उपकरण भी मिले हैं। शैलचित्र में मानव आकृतियाँ, पशु आकृतियाँ, ज्यामितीय आकृतियाँ और कुछ अज्ञात आकृतियाँ दिखाई देती हैं। ये चित्र लाल और सफेद रंग से बने हैं।

Primitive rock paintings

शिकार में इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री भी मिली

गुफा पर एक जगह ऐसी है, जाहां से पहरेदारी की जाती रही होगी। जहाँ से प्रागैतिहासिक लोग शिकार के लिए जानवरों पर नज़र रखते रहे होंगे। यहाँ हेमाटाइट पत्थर भी पाया जाता है, जिसका उपयोग रंग बनाने में होता था। इन चित्रों में कुछ प्रारंभिक काल के हैं और कुछ बाद के। यहाँ बैल, तेंदुआ, हिरण और मानव आकृतियाँ बनी हुई हैं। यहाँ माइक्रोलिथिक उपकरण जैसे लुनैट, स्क्रैपर, पॉइंट, ट्रैपेज, साइड स्क्रैपर, ब्लेड आदि भी पाए जाते हैं, जो शिकार और अन्य कार्यों के लिए प्रयोग किए जाते थे।

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