बस्तर में बनेगा पारंपरिक हीलिंग सेंटर : पर्यटक स्थानीय वैद्यों से कराएंगे बीमारी का उपचार, टूरिस्ट्स को परोसे जाएंगे लोकल व्यंजन

A healing center will be built here
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यहीं बनाया जाएगा हीलिंग सेंटर
बस्तर जिले के कांगेरघाटी राष्ट्रीय उद्यान के सटे ग्राम पेदावाड़ा एवं मांझीपाल में पर्यटकों के लिए ट्रेडिशनल (पारम्परिक) हीलिंग सेंटर बनाया जाएगा। इसके लिए वन विभाग जगदलपुर वृत्त के सीसीएफ एवं राष्टीय उद्यान के निदेशक प्रयास कर रहे हैं।

महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के सटे ग्राम पेदावाड़ा एवं मांझीपाल में पर्यटकों के लिए ट्रेडिशनल (पारम्परिक) हीलिंग सेंटर बनाया जाएगा। इसके लिए वन विभाग जगदलपुर वृत्त के सीसीएफ एवं राष्टीय उद्यान के निदेशक प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस सेंटर में पर्यटकों को 8-10 दिन का पैकेज रहेगा, उस दौरान पर्यटकों का मोबाईल कमरे में रखा जाएगा। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय वैद्यराज से पर्यटकों का बीपी, शुगर जांच की जाएगी और उनका उपचार किया जाएगा। ट्रेडिस्नल हीलिंग सेंटर में विभिन्न गतिविधियां होगी, जिनमें मानसिक तनाव दूर होने के साथ शरीर को तंदरूस्त रखने में भी मदद मिलेगी। इसमें मानव इंद्रियों की संवेदना को प्रकृति से जोड़कर मानसिक एवं शारीरिक समस्याओं का उपचार होगा है, ताकि मानसिक शांति की की अनुभूति हो सके।

कांगेर घाटी
कांगेर घाटी

पर्यटकों को परोसे जाएंगे लोकल व्यंजन

पारंपरिक हीलिंग सेंटर में आयुर्वेद का इस्तेमाल किया जाएगा, ये सेंटर, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए परामर्श, चिकित्सा देंगे। बस्तर घूमने आने वाले पर्यटक पूरे आदिवासी कल्चर को जी सके और यहां की खूबसूरत वॉटर फाल्स और अन्य पर्यटन स्थलों की खूबसूरती निहारने के साथ ही आदिवासी कल्चर का भी लुत्फ उठा सकें। पूरी तरह से आदिवासी कल्चर में पर्यटकों को बस्तर के लोकल व्यजंन परोसे जाएंगे। साथ ही पर्यटकों को पारंपरिक आदिवासी नृत्य करने का भी मौका मिलेगा। इसके अलावा पर्यटक आदिवासी वेशभूषा पहनकर भी आदिवासियों के कल्चर को समझ सकेंगे। साथ ही दोना पत्तल में स्वादिष्ट व्यंजन का लुफ्त उठा पाएंगे।

नंगे पांव चलने और वनों पर दिया जाएगा ध्यान

कांगेरघाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक चूड़ामणी सिंह ने बताया कि ट्रेडिशनल हीलिंग सेंटर शीघ्र बनाया जाएगा। सेंटर में नंगे पांव एवं वन में ध्यान किया जाएगा।क्योंकि, वन अनुसंधान के अनुसार ठंडे इलाकों के जंगल क्षेत्र में एक खास किस्म के रासायनिक तत्व होते हैं। यहां नंगे पांव चलने पर सफेद रक्त कणिकाओं की मात्रा बढ़ती है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। प्राचीन काल से ऋषि- मुनि, जंगल, पर्वतों के बीच तप और ध्यान करते रहे हैं। उसी तरह जंगल के बीच में जगह-जगह बैठने की व्यवस्था कर ध्यान लगाने की व्यवस्था की जाएगी।

हीलिंग सेंटर बनाने का किया जाएगा प्रयास

वन विभाग जगदलपुर वृत्त के मुख्य वन संरक्षक आरसी दुग्गा ने बताया के पेदावाड़ा, मांझीपाल के जंगल में ट्रेडिशनल हीलिंग सेंटर बनाया जाएगा। सेंटर में स्थानीय वैद्यराज से पारम्परिक चिकित्सा में पोषण संबंधी परामर्श, भावनात्मक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाना, तनाव, चिंता, दु:ख और आघात को दूर करना, शरीर में संतुलन लाना, बीमारी का इलाज किया जाएगा।

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