16 विद्यार्थियों की परीक्षा रद्द : मोबाइल देखकर लिखी उतर पुस्तिका, यूनिवर्सिटी की अनफेयर मींस यूएफएम कमेटी ने लिया एक्शन

दुर्ग। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय ने मोबाइल देखकर परीक्षा दिलाने वाले 12 परीक्षार्थियों की उत्तरपुस्तिकाएं निस्त कर दिया है । यूनिवर्सिटी की अनफेयर मींस यूएफएम कमेटी ने एक्शन लिया है। 12 विद्यार्थी नकल सामाग्रियों के साथ पकड़े गए थे। 16 विद्यार्थियों के प्रकरण को गंभीर मानते हुए इन सभी की पूरी परीक्षा निस्त कर दी गई। ये छात्र बीबीए, बीकॉम और बीएससी जैसे कोर्स के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल हुए थे।
विश्वविद्यालय की यूएफएम समिति तीन श्रेणियों में नकल प्रकरणों को रखती है।
- 'ए' श्रेणी क्षमायोग्य माना जाता है, इसमें कोई सजा नहीं होती है।
- 'बी' श्रेणी परीक्षार्थी का उक्त पेपर रद्द किया जाता है जिसमेें नकल मिली थी।
- 'सी' श्रेणी में परीक्षार्थी का प्रकरण संवदेनशील माना जाता है और उसकी समस्त परीक्षा ही निस्त कर दी जाती है।
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वार्षिक परीक्षा में उड़नदस्ता की टीम ने 48 नकल के मामले पकड़े
किसी भी परीक्षा के दौरान नकल सामग्री या मोबाइल मिलता है, तो तुरंत उसकी परीक्षा नहीं रोकी जाती। छात्र को दूसरी उत्तरपुस्तिका दी जाती है और वह परीक्षा पूरी कर सकता है। क्योकि जांच के बाद ही प्रकरण पर कार्रवाई होती है। मामला गंभीर है तो छात्र को 3 साल के लिए परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं देता है। हाल ही में हुई वार्षिक परीक्षा में उड़नदस्ता की टीम ने 48 नकल के मामले पकड़े। इनमें सबसे ज्यादा मामले मोबाइल रखने से जुड़े थे।
परीक्षा केंद्र में मोबाइल लेकर जाना आता है नकल की श्रेणी में
यूनिवर्सिटी ने कहा कि, परीक्षा कक्ष में मोबाइल लाना नकल की श्रेणी में आता है, चाहे मोबाइल का इस्तेमाल हुआ हो या नहीं। कई छात्र मोबाइल लेकर परीक्षा केंद्र में पहुंचते हैं और उसे बाहर न रखने की बजाय अंदर ले जाते हैं। अगर जांच में मोबाइल पकड़ा जाता है, तो इसे नकल का साधन मानकर कार्रवाई की जाती है।
