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बिलासपुर सेंट्रल जेल में गैंगवार हुआ है। होली के त्योहार से पहले दो गुट के कैदियों ने छड़ के हथियारों से एक-दूसरे पर हमला किया है।

बिलासपुर- छत्तीसगढ़ की जेलों में गैंगवार का सिलसिला रुक नहीं रहा है। कुछ दिन पहले सारंगढ़ उपजेल में गैंगवार की घटना सामने आई थी। अब एक बार फिर बिलासपुर सेंट्रल जेल में गैंगवार हुआ है। होली के त्योहार से पहले दो गुट के कैदियों ने छड़ के हथियारों से एक-दूसरे पर हमला किया है। जिसके बाद घायल कैदियों को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। वहीं दोनों पक्षों पर केस दर्ज कर लिया गया है। 

बता दें, जिन दो अपराधियों के बीच लड़ाई हुई है। उन दोनों के अपने-अपने गुट हैं। इनकी गैंग में रायपुर, कवर्धा और कोरबा के बदमाश शामिल हैं। इसके अलावा बिलासपुर का गुट अलग देखा गया है। 

जेल में कैसे बनाया हथियार 

इन दोनों अपराधियों ने जेल के अंदर चम्मच और छड़ को घिसकर हथियार बनाया है। इन्हीं हथियारों से विवाद के दौरान एक-दूसरे के पक्ष के लोगों ने जमकर मारपीट की है। 

जेल अधीक्षक खामोश क्यों 

दरअसल, जिस दिन गैंगवार हुआ था। उस दिन जेल अधीक्षक ने मामूली विवाद बताकर मामले को दबाने की कोशिश की है। साथ ही किसी के भी घायल होने की बात नहीं बताई है। हालांकि जब यह मामला पुलिस तक पहुंचा, तब जाकर पूरा सच सामने आया है। 

दोनों पक्षों की ओर से जानलेवा हमला 

यह मामला पुलिस के संज्ञान में आते ही जांच की गई है। जेल अधीक्षक खोमेश मंडावी और कैदियों से पूछताछ की गई है। पुलिस ने जांच के बाद 11 कैदियों के खिलाफ जानलेवा हमले का केस दर्ज किया है।

कोर्ट में सुनवाई के बाद क्या अब जेल की सुधरी व्यवस्था 

कैदियों की पिटाई और सुविधा मुहैया कराने के लिए लेनदेन का मामला भी सुनने में आया है। जिसको लेकर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान उन्होंने जेल डीजीपी से शपथ पत्र मांगा था। जिसके बाद प्रदेश भर की जेलों की अव्यवस्था को दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। लेकिन इन घटनाओं से जेल के हालात सुधरते हुए तो नजर नहीं आ रहे हैं। 

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