वन्य प्राणियों के दुश्मन : तेंदुए की खाल लेकर ढूंढ रहे थे ग्राहक, पुलिस ने गिरफ्तार कर भेजा जेल 

All three accused arrested with leopard skin
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तेंदुए की खाल के साथ गिरफ्तार तीनों आरोपी
छत्तीसगढ़ में तेंदुआ बड़ी संख्या में पाए जाते हैं। प्रदेश के लगभग अभयारण्य और घने जंगलों में इनका रहवास है। यहां इनका शिकार कर खाल बेचने वाले भी सक्रिय हैं।

प्रदीप बोरकर-खैरागढ़। छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ वन मंडल में वन विभाग की टीम ने तेंदुए की खाल के साथ शिकार के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई वन मंडल खैरागढ़ और वन मंडल कवर्धा के साथ मिलकर एन्टी पोचिंग टीम उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व गरियाबंद ने की है। तीनों आरोपियों को वन्य प्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 के धारा के तहत न्यायिक मजिस्टेट प्रथम श्रेणी छुईखदान जिला-खैरागढ़ छत्तीसगढ़ के समक्ष पेश कर जेल भेज दिया गया है।

मिली जानकारी अनुसार, गुप्त सूचना के आधार पर एन्टी पोंचिंग टीम उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व गरियाबंद, छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय उड़न दस्ता टीम रायपुर, वनमंडल खैरागढ़ और परिक्षेत्र रेंगाखार वन मंडल खैरागढ़ के साथ संयुक्त रूप से टीम गठित की गई। टीम ने सामान्य वन मंडल खैरागढ़ के अंतर्गत वन परिक्षेत्र साल्हेवारा के ग्राम कुम्हरवाड़ा-बकरकट्टा मार्ग पर वन्यप्राणी तेंदए के खाल की खरीदी-बिक्री करने की फिराक में घूम रहे तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।

तेंदुए की खाल जब्त

गिरफ्तार आरोपियों में बालाघाट जिले के अमर सिंग साहू, खैरागढ़ से सतिराम बैगा और गैस लाल सिंह को रंगे हाथों खाल के साथ पकड़ा गया है। तीनों आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा के तहत मामला दर्ज कर न्यायालय के समक्ष पेश किया गया, जिसके बाद न्यायलय ने उन्हें जेल भेज दिया।

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