जब डाक्टर के घर पहुंचे कलेक्टर : गए थे अस्पताल देखने, डाक्टर नहीं दिखा तो उसके घर पर दी दस्तक... फिर क्या हुआ.. पढ़िए

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अस्पताल का निरीक्षण करते हुए कलेक्टर अभिजीत सिंह
कलेक्टर अभिजीत सिंह आज अचानक भानुप्रतापपुर अस्पताल के निरीक्षण पर पहुंचे। वहां पर डॉक्टर को नदारद देख सीधे उनके घर पहुंचे। 

कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में नव पदस्थ कलेक्टर अभिजीत सिंह मंगलवार को भानुप्रतापपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण पर पहुंचे। इस दौरान डॉक्टर को अपने चेंबर में न देखकर वे सीधे उनके घर जा पहुंचे।

कलेक्टर ठीक 11 बजे अस्पताल पहुंचे। तब बीएमओ डॉक्टर अखिलेश ध्रुव अपने कक्ष में नहीं मिले। इसके बाद कलेक्टर सीधे उनके निवास जा पहुंचे और उनका दरवाजा खटखटाया। सामने कलेक्टर को देखकर बीएमओ हड़बड़ा गए। कलेक्टर ने उनसे पूछा 11 बजे घर पर हो, अस्पताल कब जाते हो? तब बीएमओ ने कहा कि, देर रात तक मरीजों को देखता रहा इसलिए अभी घर पर हूं।

अव्यवस्थाओं को देखकर मेडिकल स्टाफ पर भड़के

इसके बाद बीएमओ कलेक्टर के साथ आनन-फानन में ही अस्पताल पहुंचे। उन्होंने परिसर का परिक्षण कराया। इस दौरान कलेक्टर अभिजीत सिंह को काफी अव्यवस्था देखने को मिली। इस पर वे बीएमओ सहित अन्य कर्मचारियों पर जमकर बरसे। कलेक्टर ने स्टाफ को दवाइयों और मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं पर काम करने के लिए कहा है। वहीं कलेक्टर के इस अंदाज से अन्य विभागों के अधिकारियों की नींद उड़ गई है।

मेकाहारा अस्पताल पहुंचे थे स्वास्थ्य मंत्री

वहीं सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने मेकाहारा अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान एक मरीज के परिजनों का गुस्सा फुटा। उन्होंने कहा कि, डॉक्टर्स और नर्स इलाज में मदद नहीं करते हैं। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि, सभी अव्यवस्थाओं के लिए कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है।

व्यस्थाओं को दूरस्थ कर अस्पताल को राज्य का बेहतर अस्पताल बनाएंगे

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि, स्टाफ और व्यवस्था बढ़ाने का कार्य पांच सालों में हुआ ही नहीं है। लेकिन हमारी सरकार ने बजट में स्वास्थ्य सेवा बेहतर करने का प्रावधान रखा है। आने वाले समय में अस्पताल में डॉक्टर्स और बाकी स्टाफ की कमी दूर हो जाएगी। अस्पताल में बेड्स की संख्या भी बढ़ा दी जाएंगी। सभी व्यस्थाओं को दूरस्थ कर अस्पताल को राज्य का बेहतर अस्पताल बनाएंगे।

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