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राज्य में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहल करते हुए मध्यप्रदेश तथा ताडोबा से बाघ लाने वन अफसरों को निर्देश दिए थे। वन अफसरों ने बाघ दिसंबर में लाए जाने की योजना बनाई थी। पढ़िए पूरी खबर...
  • एटीआर में बाघों की संख्या बढ़ाने दिसंबर में कान्हा तथा ताडोबा से बाघ लाने की थी योजना

रायपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व(Achanakmar Tiger Reserve,)में बाघों (tigers)की संख्या बढ़ाने के लिए मध्यप्रदेश स्थित कान्हा नेशनल पार्क (Kanha National Park)तथा महाराष्ट्र, चंद्रपुर स्थित ताडोबा नेशनल पार्क से चार बाघ दिसंबर में लाए जाने थे। इसके लिए राज्य सरकार से अनुमति भी मिल चुकी है। दोनों राज्यों में विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद नई सरकार के गठन होने तक बाघ लाने की तारीख आगे बढ़ सकती है। इसके बाद नई सरकार इस पर निर्णय लेगी।

गौरतलब है, राज्य में बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहल करते हुए मध्यप्रदेश तथा ताडोबा से बाघ लाने वन अफसरों को निर्देश दिए थे। वन अफसरों ने बाघ दिसंबर में लाए जाने की योजना बनाई थी। इस संबंध में दोनों राज्यों के वन अफसरों के साथ यहां के वन अफसरों की चर्चा के साथ एक्सपर्ट से बात हो गई थी, लेकिन चुनाव तथा नई सरकार के गठन होने तक बाघ लाने की योजना फिलहाल टल गई है।

एटीआर में सैलानियों को दिखा बाघ

अचानकमार टाइगर रिजर्व में सात से आठ महीने के बाद सैलानियों को एक बार फिर से बाघ दिखा है। इस बात की पुष्टि एटीआर के अफसरों ने भी की है। गौरतलब है बिलासपुर, सरकंडा निवासी राकेश यादव अपनी टीम के साथ एटीआर की सैर करने के लिए गए थे, इसी दौरान जिप्सी के रूट पर सैलानियों को बाघ दिखा। सैलानियों ने बाघ का अपने मोबाइल से वीडियो बनाया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

शांत भाव से कर रहा था विचरण

सैलानियों ने देखा, बाघ अपने एरिया में शांत भाव से विचरण कर रहा था। जिप्सी में सैलानियों को देखने के बाद भी बाघ किसी तरह से विचलित नहीं हुआ। ऐसे में आने वाले दिनों में सैलानियों को बाघ दिखने की संभावना है। सैलानियों को चाहिए कि वे बाघ दिखने पर किसी तरह से छेड़खानी न करें।

वर्तमान में एटीआर में आठ बाघ

अचानकमार टाइगर रिजर्व में वर्तमान में आठ बाघ होने की वन अफसर पुष्टि कर रहे हैं। दोनों राज्यों से बाघ लाने के बाद यहां बाघों की संख्या बढ़कर 12 हो जाएगी। वन अफसरों के मुताबिक बाघों की बसाहट के लिए उनकी पूरी तैयारी है। साथ ही स्थानीय रहवासियों से संपर्क कर उन्हें भी विश्वास में लिया जा चुका | 

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