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छत्तीसगढ़ के धार्मिक और पर्यटन विभाग के मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आज मुख्यमंत्री की मौजूदगी में बड़ी घोषणा की।

रायपुर। अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्‍ठा को लेकर तैयारी चल रही है। ऐसे में सभी मंदिर में जाने का इंतजार कर रहे हैं। इसी बीच छत्तीसगढ़ में राम भक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। धार्मिक मामलों और पर्यटन के मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि, पूरे प्रदेश की जनता अयोध्या पहुंच कर राम भगवान के दर्शन करे पाएगी। इसके लिए उन्हें किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ेगा, अगले महीने 25 जनवरी से 25 मार्च तक छत्तीसगढ़ के लोगों के अयोध्या जाने का सपना छत्तीसगढ़ सरकार पूरा करेगी। सभी के आने-जाने का पूरा खर्च सरकार वहन करेगी।

राइस मिलर्स के आयोजन में बड़ी घोषणा

बता दें कि, आज राजधानी रायपुर के वीआईपी रोड स्थित निजी होटल में छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिलर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया था, जिसमें मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने यह घोषणा की है। पूरे प्रदेश की जनता अयोध्या पहुंचकर राम भगवान के दर्शन कर सकेंगे।

छत्तीसगढ़ से भेजा गया 300 टन चावल

वहीं इससे पहले आज ही छत्तीसगढ़ के राइस मिलर्स की ओर से 3 सौ टन चावल 11 ट्रकों में भरकर अयोध्या भेजा गया है। ये अब तक कि सबसे बड़ी चावल की खेप है जो अयोध्या पहुंचेगी। अयोध्या के लिए ट्रकों को रवाना करने का कार्यक्रम रायपुर के वीआईपी रोड स्थित राम मंदिर में आयोजित किया गया। सीएम श्री साय के पहुंचने पर राइस मिलर एसो. के पदाधिकारियों ने उन्हें लड्डुओं से तोला और ड्राई फ्रूट की विशाल माला पहनाई गई। 

छत्तीसगढ़ के लिए सौभाग्य की बात : सीएम साय

सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि, छत्तीसगढ़ के राइस मिलर बंधुओ ने 300 टन चावल अयोध्या भेजा है। छत्तीसगढ़ की धरती से यह प्रयास किया गया है यह हम सभी के लिए सौभाग्य की बात है। अयोध्या में इस चावल से भगवान को भोग लगेगा, कार्यक्रम में ट्रकों को रवाना करने के बाद मुख्यमंत्री ने राम मंदिर में जाकर भगवान राम से प्रदेश की खुशहाली कामना करते हुए पूजा भी की।

छत्तीसगढ़ है भगवान श्री राम का ननिहाल 

आपको बता दें कि, अयोध्या से श्रीलंका तक की 14 साल की यात्रा में लगभग 248 ऐसे प्रमुख स्थल हैं, जहां भगवान श्रीराम ने या तो विश्राम किया या फिर उनसे उनका कोई रिश्ता जुड़ा है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव छत्तीसगढ़ है। 14 साल के वनवास के 10 साल यहीं गुजरे थे साथ ही उनकी मां कौश्ल्या जी का मायका भी छत्तीसगढ़ बताया जाता है। छत्तीसगढ़ को प्राचीन काल में कोसल प्रदेश भी कहा जाता था, जिसकी वजह से उनका नाम कौशल्या पड़ा। रायपुर के चंदखुरी में राम भगवान को गोद में लिए कौशल्या माता की प्रतिमा मंदिर में स्थापित है। ये देश में माता कौशल्या का पहला और इकलौता मंदिर भी है।

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