बैगा हत्याकांड : दो साल बाद पकड़ा गया एक और आरोपी, पारसमणि की खोज में उतार दिया था मौत के घाट

Janjgir Police
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जांजगीर पुलिस
दो वर्ष पूर्व 10 आरोपियों ने पारसमणि पत्थर के संदेह पर बैगा की हत्या कर दी थी। इस मामले में फरार एक आरोपी को पुलिस ने दो साल बाद गिरफ्तार कर लिया है।

जांजगीर। छत्तीसगढ़ के जांजगीर जिले में दो साल पहले एक गांव के 11 लोगों ने पारस मणि पत्थर के चक्कर में बैगा का अपहरण किया और फिर पत्थर के लालच में उसके पूरे घर की खुदाई कर डाली। रात भर चली खुदाई में भी जब पत्थर नहीं मिला तो आरोपियों ने बैगा की ही हत्या कर दी और उसके शव को जंगल मे दफना दिया था। इस मामले में पुलिस ने घटना से जुड़े 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। एक आरोपी टेकचंद जायसवाल लोहराकोटा निवासी फरार था, जिसे पुलिस ने दो सालों बाद गिरफ्तार किया है।

बीते वर्ष 2022 में जांजगीर जिले के मुनुंद गांव में बाबूलाल यादव नाम का बैगा अपनी पत्नी के साथ रहता था। बाबूलाल गांव में झाड़-फूंक का काम करता था। 9 जुलाई 2022 को बैगा की पत्नी रामवती यादव ने कोतवाली थाने में जाकर अपने पति के गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़िता की शिकायत के मुताबिक, 8 जुलाई 2022 की रात कुछ लोग घर आये और झाड़ फूंक के बहाने उसे अपने साथ ले गये। इसके बाद रात करीब 12 बजे फिर से 8 से 10 लोग घर पहुंचे और दरवाजा खटखटाने लगे। दरवाजा खोलने पर आरोपियों ने मारपीट करते हुए उसके हाथ एवं मुंह मे कपड़ा बांधकर घर के अंदर रखे नकदी 23 हजार, 2 नग सोना का फुल्ली, एक चांदी का पायल, दो जोडी चांदी की बिछिया ले लिए। साथ ही घर के पूजा स्थान के पास सब्बल से खुदाई कर फिर वापस चले गये।

झाड़-फूंक के बहाने किया अगवा

शिकायत के बाद एसपी विजय अग्रवाल ने मामले को गंभीरता से लेते हुये जांच कर बैगा को खोजने के निर्देश दिये। पुलिस ने जांच के आधार पर संदेही टेकचंद जायसवाल और राजेश हरवंश से कड़ाई से पूछताछ की। पूछताछ में दोनों आरोपी अपना जुर्म कबूल करते हुये बताये कि, बैगा बाबूलाल के पास पारस पत्थर होने की जानकारी उन्हें मिली थी। इसके बाद हमनें पारस मणि पत्थर को हासिल करने के लिए अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर योजना बनाई। प्लानिंग के तहत ही सभी मिलकर बाबूलाल के घर गये और झाड़ फूंक से इलाज कराने के नाम पर उसे अपने साथ ले गये।

पीट-पीटकर कर दी हत्या

इस दौरान खिसोरा पन्तोरा के कटरा के जंगल में बाबूलाल से पारसमणी पत्थर के बारे में पूछने लगे। बैगा द्वारा नहीं बताने पर उसे जगंल में ही बंधक बनाकर हमने उसे रख लिया। इसके बाद हम सभी फिर से बैगा के घर जाकर उसकी पत्नी के हाथ पैर बांध घर में खुदाई करते हुए पारस पत्थर खोजने लगे। चमत्कारी पत्थन नहीं मिलने से गुस्से में हम जंगल पहुंचे और बैगा की हाथ मुक्का और लाठी डंडा से बेदम पिटाई कर उसकी हत्या कर दी। हत्या की वारदात के बाद शव को जंगल में ही गाड़ कर सभी अपने अपने घर चले गये।

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