CWG 2018: भारत को गोल्ड दिलाने वाली ''संजीता चानू'' को कितना जानते है आप
राष्ट्रमंडल खेलों में अपने दमदार प्रदर्शन के बल पर भारत को गोल्ड से नवाजने वाली संजीता चानू मूल रूप से मणिपुर की रहने वाली है। उन्होंने आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में महिलाओं की 53 किलो. कैटेगरी में भारत की झोली में एक और गोल्ड मेडल डाल दिया है।

राष्ट्रमंडल खेलों में अपने दमदार प्रदर्शन के बल पर भारत को गोल्ड से नवाजने वाली संजीता चानू मूल रूप से मणिपुर की रहने वाली है। उन्होंने आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में चल रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में महिलाओं की 53 किलो. कैटेगरी में भारत की झोली में एक और गोल्ड मेडल डाल दिया है।
आइए जानते है संजीता चानू के जीवन और उनके खेल की रेस के बारे में-
- भारतीय रेलवे की कर्मचारी संजीता चानू स्वभाव से एकदम दिलखुश हैं, लेकिन खेल के अखाड़े में उनका एक अलग ही रूप देखने को मिलता है।
- मीराबाई, कुंजारानी देवी की तरह संजीता चानू भी आयरन लेडी के नाम से प्रचलित इरोम शर्मिला के राज्य मणिपुर से ताल्तुख रखती हैं।
- संजीता चानू की खेलों मे बचपन से ही रूचि थी, इसी कारण उनके मन में भारत के लिए मेडल जीतने का सपना बचपन से ही घर कर गया।
- उनकी मेहनत रग लाई और उन्होंने महज 20 साल की उम्र में ही 48 किलोग्राम वर्ग में 173 किलोग्राम वज़न उठाकर 2014 में खेले जा रहे ग्लासगो राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के लिए पहली बार गोल्ड मेडल जीता था।
जब विवादों मे रही संजीता चानू
उनके जीवन में एक ऐसा पल भी आया जब वह विवादो में रहीं। उनका नाम विवादों मे इस कारण जुड गया जब उनका नाम अर्जुन पुरस्कार पाने वालों की सूची में नहीं आया। हालांकि यह बात 2017 की है, जब संजीता चानू भारत के लिए कई मेडल जीत चुकी थी।
इसके बाद उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया। उन्हें अवॉर्ड तो नहीं मिला, लेकिन उन्होंने अपना जवाब पिछले साल कॉमनवेल्थ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में 53 किलोवर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर दिया।
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