Ashes 2025-26: बैजबॉल का दौर खत्म! रवि शास्त्री बनेंगे इंग्लैंड के कोच? एशेज हार के बाद दिग्गज के बयान से मची हलचल

Ravi shastri england new test coach
Ashes 2025-26: ऑस्ट्रेलिया दौरे पर निराशाजनक प्रदर्शन के बाद इंग्लैंड की टेस्ट टीम के कोच ब्रेंडन मैकुलम पर आलोचक निशान साध रहे। बेन स्टोक्स की कप्तानी वाली टीम 11 दिनों के भीतर ही एशेज सीरीज गंवा बैठी, जिससे मैकुलम की रणनीति और 'बैजबॉल' अप्रोच पर सवाल उठने लगे हैं। इसी बहस के बीच इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर मोंटी पनेसर ने बड़ा बयान देते हुए रवि शास्त्री को इंग्लैंड का आदर्श अगला हेड कोच बताया।
मैकुलम की नियुक्ति 2022 में ईसीबी के मेंस मैनेजिंग डायरेक्टर रॉब की ने की थी। तब इंग्लैंड 4-0 से एशेज हारकर लौटा था। मैकुलम और कप्तान बेन स्टोक्स की जोड़ी ने आते ही टेस्ट क्रिकेट में नई जान फूंकी और पहले 11 मैचों में 10 में जीत दर्ज कीं। लेकिन इसके बाद इंग्लैंड की रफ्तार थमती नजर आई।
इसके बाद खेले गए बड़े 5 टेस्ट मैचों वाली सीरीज में इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया और भारत के खिलाफ जीत नहीं मिली। अगले 33 मैचों में टीम को 16 मुकाबले गंवाने पड़े। मौजूदा एशेज में भी इंग्लैंड 0-3 से पिछड़ चुका है और सीरीज हाथ से निकल चुकी है।
यूट्यूब पर एक पत्रकार से बातचीत में इंग्लैंड के पूर्व स्पिनर मोंटी पनेसर ने कहा कि इंग्लैंड को ऐसे कोच की जरूरत है जो ऑस्ट्रेलिया को उसी की जमीन पर हराने का तरीका जानता हो। पनेसर ने कहा, "आपको सोचना होगा कि आखिर ऑस्ट्रेलिया को कौन हरा सकता? कौन मानसिक, शारीरिक और रणनीतिक तौर पर उनकी कमजोरियों को समझता? मेरे हिसाब से रवि शास्त्री इंग्लैंड के अगले हेड कोच होने चाहिए।"
रवि शास्त्री के कार्यकाल में भारत ने 2 बार ऑस्ट्रेलिया को उसी के घर में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी हराई। 2018-19 में भारत ने पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती। इसके बाद 2020-21 में एडिलेड में 36 रन पर ऑलआउट जैसे झटके और कई चोटों के बावजूद भारत ने ऐतिहासिक वापसी करते हुए सीरीज अपने नाम की थी।
मैकुलम ने साफ किया है कि वह इस भूमिका में बने रहना चाहते हैं लेकिन एशेज हार के बाद उनका भविष्य अब उनके हाथ में नहीं है। मैकुलम का ईसीबी से करार 2027 वनडे वर्ल्ड कप तक है, जिसमें उसी साल होने वाली होम एशेज सीरीज भी शामिल है।
मेलबर्न में पत्रकारों से बात करते हुए मैकुलम ने कहा, "यह फैसला मेरे हाथ में नहीं है। मैं बस अपना काम करता रहूंगा, यहां हुई गलतियों से सीख लूंगा और आगे सुधार करने की कोशिश करूंगा।" उन्होंने इस जिम्मेदारी को एक अच्छी नौकरी बताते हुए कहा था कि आलोचनाओं के बावजूद उनका जोश कम नहीं हुआ है।
