bengaluru stampede: RCB ओनर, कर्नाटक सरकार...आखिर कौन है बेंगलुरु भगदड़ में 11 मौतों का जिम्मेदार? जिंदगी पर भारी जश्न

bengaluru stampede latest update: कौन है 11 मौतों का जिम्मेदार?
bengaluru stampede latest update: 18 साल के इंतजार के अगर कामयाबी मिली तो उसका जश्न मनाना लाजमी भी है लेकिन उसके चक्कर में अगर लोगों की जान चली जाए तो फिर सवाल खड़े होने भी उतने ही लाजमी हैं। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने बीते मंगलवार को 18 साल में पहली बार आईपीएल का खिताब जीता लेकिन, 18 घंटे भी नहीं बीते होंगे और टीम की खुशी मातम में बदल गई।
बुधवार शाम को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के आईपीएल चैंपियन बनने का जश्न मन रहा था और तभी बाहर लोगों की सांसें उखड़ रही थी। एक-एक कर 11 लोगों की सांसें थम गईं...तीन दर्जन लोग अस्पताल पहुंच गए। ये सब हुआ, 40 हजार क्षमता वाले स्टेडियम के बाहर इकठ्ठा लाखों लोगों की भीड़ में मची भगदड़ की वजह से।
11 मौतों का कौन जिम्मेदार?
अब सवाल उठ रहा कि जब स्टेडियम की क्षमता ही 30-40 हजार की थी, तो फिर लाखों लोगों को क्यों इसके बाहर जुटने दिया गया। सरकार, प्रशासन और फ्रेंचाइजी ओनर ने क्यों नहीं मुकम्मल इंतजाम किए। आखिर अपने स्टार खिलाड़ियों की खुशी में शरीक होने आए इन बेकसूरों की मौत का जिम्मेदार कौन है? क्या सरकार खुद या फ्रेंचाइजी ओनर। पुलिस के इनकार के बावजूद किसकी जिद के कारण ये जश्न मना? क्योंकि अब 11 मौतों के बाद सरकार, फ्रेंचाइजी, बीसीसीआई सब पल्ला झाड़ रहे।
Instead of blaming Karnataka government these PR accounts are using innocent souls to drag kohli just to distract him from celebrating the trophy. pic.twitter.com/8TKJ6R6i5Y
— Kevin (@imkevin149) June 5, 2025
पुलिस के इनकार के बाद कैसे लाखों लोग जुट गए?
बता दें कि 3 जून (मंगलवार) रात को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने आईपीएल खिताब जीता था। इसके अगले दिन यानी बुधवार को टीम बेंगलुरु पहुंचीं। टीम के बेंगलुरु पहुंचने से पहले ही फ्रेंचाइजी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया था कि दोपहर 3.30 बजे से विधान सौधा से चिन्नास्वामी स्टेडियम तक ओपन बस में टीम की विक्ट्री परेड निकलेगी। अब आरसीबी के वफादार फैंस कैसे इस मौके को हाथ से जाने देते। 18 साल बाद मिली खुशी में शरीक होने के लिए लोग सुबह से ही स्टेडियम, एयरपोर्ट और विधान सौधा के बाहर जुटने लगे थे। सैकड़ों में हुई शुरुआत...कब लाखों फैंस में बदल गई, इसका अंदाजा ही नहीं लगा।
NEW DISTURBING VISUALS ALERT
— Rahul Shivshankar (@RShivshankar) June 5, 2025
4.51 PM: Stampede outside gate of stadium. Horrifying cries for help will shake anyone to their core.
Several die and several injured.
5.35 PM: Karnataka Dy CM joins RCB players to bask in glory of victory.
Humanity dies. pic.twitter.com/WCoeUWyjPS
क्यों RCB फ्रेंचाइजी जश्न को लेकर अड़ी थी?
तभी ये भी खबरें आईं कि पुलिस ने ट्रैफिक जाम और भीड़ के अनियंत्रित होने का हवाला देकर ओपन बस परेड की इजाजत देने से इनकार कर दिया। पुलिस ने आरसीबी फ्रेंचाइजी और सरकार से भी ये अपील की बुधवार को जश्न से जुड़ा कार्यक्रम न करके इसे रविवार को आयोजित किया जाए। ताकि लोगों को जोश तबतक ठंडा पड़ जाए। लेकिन, ऐसी खबरें आ रही हैं कि फ्रेंचाइजी ने पुलिस के इस सुझाव को सिरे से नकार कर दिया।
इसके पीछे फ्रेंचाइजी का ये तर्क था कि तबतक विदेशी खिलाड़ी भारत में नहीं रुकेंगे। ऐसे में फ्रेंचाइजी ने छोटा ही सही लेकिन जीत का जश्न मनाने का फैसला किया। इसके बाद सरकार ने विक्ट्री परेड को रद्द कर चिन्नास्वामी स्टेडियम में टीम की जश्न मनाने का फैसला किया। लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और स्टेडियम के बाहर 3 लाख से ज्यादा लोग जमा हो चुके थे। जो बस, किसी तरह स्टेडियम के भीतर दाखिल हो जाना चाहते थे।
You didn’t cancel the ceremony inspite of knowing that innocent Kannadiga are dying just 20 Meters away in Stampede.
— Vikram Pratap Singh (@VIKRAMPRATAPSIN) June 4, 2025
Photo Optics with RCB was important for Congress Government.
Shame congress pic.twitter.com/jK5APu83FU
जो किसी तरह अंदर पहुंच गए, वो खुशकिस्मत रहे क्योंकि बाहर तो थोड़ी देर बाद ही मौत का तांडव शुरू हो गया। जब बाहर लोग एक-एक जमीन पर गिरते जा रहे थे, तब अंदर आरसीबी की जीत का जश्न मनाया जा रहा था। जब तक बाहर के हालात की जानकारी अंदर गई और कार्यक्रम रोका गया, तब तक 11 जिंदगियां ये जश्न लील चुका था।
जश्न को लेकर क्यों इतनी जल्दबाजी की गई
अब सवाल फ्रेंचाइजी से हो रहे कि आईपीएल जीतने के कुछ घंटे बाद ही इस तरह के इवेंट की क्या जरूरत थी। शायद लीग के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था, जब किसी टीम के कप जीतने पर विक्ट्री परेड की तैयारी कर ली गई। तभी तो 1983 विश्व विजेता टीम के दिग्गज खिलाड़ी भी इस जश्न पर सवाल खड़े कर रहे। क्या दो-तीन दिन बाद पूरी तैयारी के साथ विक्ट्री परेड या सम्मान समारोह नहीं हो सकता था। जब मंगलवार पूरी रात खिलाड़ी अहमदाबाद में जीत का जश्न मना चुके थे। बेंगलुरु में लोग रात भर सड़कों पर नाच गा चुके थे, तब जश्न की इतनी जल्दबाजी क्यों थी।
सरकार ने पुलिस की बात को अनसुना किया?
अब बात सरकार की। रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की जीत को कर्नाटक की सरकार ने भाषा और यहां की अस्मिता से जोड़ने की कोशिश की। क्योंकि टीम के पहुंचने से सम्मान समारोह तक सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार पूरे वक्त मौजूद रहे। उनके हाथ में आरसीबी के साथ ही कन्नड़ अस्मिता से जुड़ा झंडा भी था। ऐसे में सवाल उठ रहा कि जब पुलिस ने सुरक्षा देने से हाथ खड़े कर दिए थे और आयोजन को आगे बढ़ाने की सलाह दी थी तो फिर क्यों सरकार ने स्टेडियम में सम्मान समारोह कराया। क्या सरकार को ये अंदाजा नहीं था कि लाखों लोग जुटेंगे और ऐसे में हादसे से इनकार नहीं किया जा सकता। आखिर सरकार की इस आयोजन के पीछे की मंशा क्या थी।
May God never give such politicians to any country.
— Yanika_Lit (@LogicLitLatte) June 4, 2025
Real RCB fans are dying due to stampede, while both the CM and Dy CM whose responsibility it is to ensure safety are busy making reels & waving at crowds.
Please the fans have their moment peacefully. pic.twitter.com/VeO9scQJup
अब सरकार ने मुआवजे और मजिस्ट्रियल जांच की बात कहकर अपने हाथ तो साफ कर लिए। बीसीसीआई ने भी साफ कर दिया कि ये आईपीएल फाइनल तक आयोजन हमारे हाथ में था, बेंगलुरु में जो फ्रेंचाइजी ने किया, उससे हमारा लेना-देना नहीं, तो फिर 11 बेगुनाहों की मौत का जिम्मेदार कौन है? क्या इनको इंसाफ मिल पाएगा।
