बेंगलुरु भगदड़ केस: 'पुलिस से नहीं ली परमिशन, कोहली ही वजह...'कर्नाटक सरकार की रिपोर्ट में क्या? जानें

Bengaluru stampede case karnataka government submits report in high court
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Bengaluru stampede case में कर्नाटक सरकार ने हाई कोर्ट में अपनी रिपोर्ट सौंप दी। 

RCB Bengaluru stampede report: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के आईपीएल 2025 की विक्ट्री सेलिब्रेशन के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ पर कर्नाटक सरकार ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश कर दी है। इसमें आरसीबी को इसका जिम्मेदार ठहराया गया है और विराट कोहली का भी जिक्र रिपोर्ट में है।

RCB Bengaluru stampede report: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की आईपीएल 2025 की विक्ट्री सेलिब्रेशन के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर मची भगदड़ को लेकर कर्नाटक सरकार ने अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंप दी। इस रिपोर्ट में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB), DNA एंटरटेनमेंट और कर्नाटक स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन (KSCA) को जिम्मेदार ठहराया है। इस भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी और तीन दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। इस रिपोर्ट में विराट कोहली के वीडियो का भी जिक्र किया है, जिसमें उन्होंने लोगों से विक्ट्री सेलिब्रेशन के लिए आने की अपील की थी।

बता दें कि बेंगलुरु में बीते 4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर आयोजित RCB की जीत के जश्न में जोश भरा माहौल अचानक मातम में बदल गया था, जब भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी। सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक, आयोजकों ने विक्ट्री सेलिब्रेशन को लेकर पुलिस से कोई आधिकारिक अनुमति नहीं ली थी, जबकि 2009 के नियमों के अनुसार ऐसी अनुमति जरूरी थी। 3 जून को सिर्फ जानकारी दी गई थी लेकिन पुलिस ने साफ तौर पर इवेंट की इजाजत देने से मना कर दिया था।

विराट कोहली के वीडियो से बढ़ी भीड़

इसके बावजूद, RCB ने सोशल मीडिया पर विराट कोहली का एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने फैंस को खुले आम जश्न में शामिल होने का न्योता दिया। सरकार ने कहा कि इस वीडियो ने भीड़ को काफी बढ़ा दिया। 4 जून को 3 लाख से ज्यादा लोग आयोजन स्थल पर पहुंच गए। स्थिति तब और बिगड़ गई जब शाम 3:14 बजे आयोजकों ने ऐलान किया कि अब एंट्री पास जरूरी होगा जबकि पहले कहा गया था कि एंट्री फ्री होगी। इस अचानक बदलाव से लोग घबरा गए और भगदड़ मच गई।

सरकार की रिपोर्ट में कहा गया कि RCB, DNA और KSCA के बीच समन्वय की कमी, स्टेडियम की एंट्री गेट पर खराब प्लानिंग और देरी ने हालात को और खराब किया। सात पुलिसकर्मी भी घायल हुए। हालात को संभालने के लिए पुलिस को जश्न को सीमित दायरे में करवाना पड़ा।

सरकार ने इस हादसे के बाद जांच कमेटियां, एफआईआर, और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव को सस्पेंड कर दिया गया है और राज्य के खुफिया प्रमुख को ट्रांसफर किया गया है। पीड़ितों को मुआवजा देने की भी घोषणा हुई है।

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