White Palas: मां लक्ष्मी को चढ़ाएं यह फूल, बरसेगी कृपा; जानें सफेद पलाश के चमत्कारिक गुण

White Palash properties
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White Palas: मां लक्ष्मी को चढ़ाएं यह फूल, बरसेगी कृपा; जानें सफेद पलाश के चमत्कारिक गुण।
White Palash: अनूपपुर रेउला गांव निवासी भोपाल सिंह ने बताया, सफेद पलाश का फूल काफी चमत्कारी है​। मां लक्ष्मी की सिद्धि में उपयोग होता है।

White Palash: सफेद पलाश के औषधीय गुण तो हर कोई जानता है, लेकिन तंत्र विद्या के लिहाज से भी यह काफी चमत्कारिक है। मान्यता है कि सफेद पलाश का फूल मां लक्ष्मी को भी खूब पसंद है। उन्हें सफेद पलाश का पुष्प अर्पित करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है। मध्य प्रदेश के अनूपपुर में इन दिनों इसके लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है।

पलाश (Palash) के पेड़ उत्तर भारत में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। हालांकि, सफेद पलाश विलुप्त होता जा रहा है। अनूपपुर जिले की रेउला ग्राम पंचायत में इसके इक्का दुक्का पेड़ मौजूद हैं। जिस कारण सफेद पलाश का फूल लेने के लिए लोग दूर दराज से पहुंच रहे हैं।

पलाश के पत्ते और छाल भी उपयोगी
रेउला गांव निवासी भोपाल सिंह ने बताया कि सफेद पलाश का फूल काफी चमत्कारी है​। मां लक्ष्मी की सिद्धि और तांत्रिक क्रियाओं में इसका खासा महत्व है​। सफेद पलाश के फूल, पत्ते और छाल भोलेनाथ को भी बेहद प्रिय हैं।​ आयुर्वेद की दृष्टि से भी सफेद पलाश का पेड़ काफी महत्वपूर्ण है।

मांगलिक कार्यों में होती है पूजा
भोपाल सिंह ने बताया कि पलाश को 'टेसू' या 'किंशुक' भी कहते हैं। इसकी फूल, पत्तियां और छाल सब का अपना-अपना औषधीय उपयोग है। सांस्कृतिक तौर पर भी यह पेड़ काफी महत्वपूर्ण है। शादी-विवाह जैसे मांगलिक कार्यों में भी पलाश के पेड़ की पूजा की जाती है।

पलाश का औषधीय उपयोग
आयुर्वेद में पलाश के पेड़ को काफी लाभकारी माना गया है। पलाश के फूलों में रक्तदोष, कुष्ठ रोग, बवासीर और दस्त जैसी बीमारियों के उपचार में उपयोग होता है। पलाश की पत्तियों का उपयोग तंत्र-मंत्र में किया जाता है। इससे मानसिक शांति और समृद्धि की प्राप्ति होती है। वहीं पलाश के बीज कीटाणुनाशक और कृमिनाशक होते हैं। लिहाजा, पेट संबंधी समस्या के लिए काफी लाभकारी है।

पलाश का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व
हिंदू धर्म और सनातन परंपराओं में पलाश का वृक्ष काफी महत्वपूर्ण है। भगवान शिव को इसका फूल अति प्रिय है। यही कारण है कि शिवरात्रि और अन्य अवसरों पर पलाश के फूल शिवलिंग पर चढ़ाए जाते हैं। इससे विशेष कृपा मिलती है। होली में कुछ लोग पलाश के फूलों से प्राकृतिक रंग तैयार करते हैं। पलाश की पत्तियों से बने दोना-पत्तल भी पूजा में लगते हैं। लोग इनमें भोजन भी करते हैं।

पलाश का पर्यावरण और प्राकृतिक महत्व
पलाश के फूलों पर आधारित गीत और लोककथाएं भारत की विविधता भरी संस्कृति को दर्शाती हैं। पलाश का वृक्ष पर्यावरण संरक्षण में मददगार साबित होता है। बारिश के समय वन्यजीवों और पक्षियों के लिए भोजन और आश्रय देता है। पलाश की जड़ें मृदा अपरदन को रोकती हैं और भूमि की उर्वरता बढ़ाती हैं।

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