Ganesh Chaturthi Vrat Paran: इस शुभ समय में करें गणेश चतुर्थी व्रत का पारण, नोट करें शुभ मुहूर्त और सही विधि

Ganesh Chaturthi Vrat Paran Shubh Muhurat aur Vidhi
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गणेश चतुर्थी व्रत संतान की दीर्घायु और उनके सुखी जीवन के लिए किया जाता है।
सुहागिन महिलाओं द्वारा गणेश चतुर्थी व्रत संतान की दीर्घायु और उनके सुखी जीवन के लिए किया जाता है। इस व्रत को रखने का विशेष महत्व है, साथ ही व्रत पारण भी शुभ मुहूर्त में क

Ganesh Chaturthi 2024 Vrat Paran Niyam: आज देशभर में गणेश चतुर्थी का पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। देश के अलग-अलग घरों में गणपति जी की मूर्ति स्थापना की जा रही है। साथ ही लोगों ने गणपति बप्पा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए न सिर्फ पूजा की है बल्कि व्रत भी रखा है। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, गणेश चतुर्थी व्रत करने से साधकों की हर इच्छा को बप्पा पूरी करते है। साथ ही उनके जीवन से हर विघ्न को हर लेते है।

सुहागिन महिलाओं द्वारा गणेश चतुर्थी व्रत संतान की दीर्घायु और उनके सुखी जीवन के लिए किया जाता है। इस व्रत को रखने का विशेष महत्व है, साथ ही व्रत पारण भी शुभ मुहूर्त में करना आवश्यक होता है। इसके बिना व्रत पूरा नहीं माना जाता है। चलिए जानते है गणेश चतुर्थी व्रत पारण मुहूर्त और नियम।

गणेश चतुर्थी व्रत पारण शुभ मुहूर्त
(Ganesh Chaturthi Vrat Paran Time)

पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी 2024 व्रत पारण के लिए शुभ समय 8 सितंबर 2024, रविवार सूर्योदय के बाद यानी सुबह 06:03 बजे के बाद का रहेगा। व्रत पारण करने से पूर्व स्नान और दान करना जरुरी माना गया है। इस दिन किसी ब्राह्मण को दान और दक्षिणा अवश्य देवें। इसके पश्चात ही पारण करें।

गणेश चतुर्थी व्रत पारण विधि
(Ganesh Chaturthi Vrat Paran Vidhi)

गणेश चतुर्थी व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद ही करें। इसका सबसे अच्छा समय सूर्योदय के बाद और दोपहर के भोजन से पहले का माना गया है। पारण से पहले शुद्ध जल से स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहनें। इसके पश्चात भगवान गणपति जी के सामने बैठकर डीप प्रज्ज्वलित करें और धूप-आरती करें। बप्पा को मोदक, दूध, फल आदि का भोग अर्पित करें। अब पारण करते समय ‘ॐ गण गणपतये नमः’ मंत्र का जाप करें और गणपति जी से क्षमा याचना करें।

इसी के साथ व्रत का संकल्प तोड़ते हुए कहें "मैंने गणेश चतुर्थी का व्रत पूरा कर लिया है।" अब पारण हो चुका है इसलिए सात्विक भोजन ग्रहण करें। पारण के पश्चात ब्राह्मणों को दान और जरूरतमंदों को भोजन करवाएं। गणपति मंदिर जाकर दर्शन करें। ध्यान रखें व्रत रखने से पारण तक बुरे विचारों का त्याग करें।

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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