XPoSat Mission Updates: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (Indian Space Research Organisation-ISRO) ने 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचकर दुनिया में कीर्तिमान बनाया। अब नया साल 2024 भी बेहद खास होने वाला है। इसरो एक जनवरी यानी साल के पहले दिन श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से XPoSAT सैटेलाइट को लॉन्च करेगा।
यह दुनिया का दूसरा और देश का पहला ऐसा सैटेलाइट मिशन है जो ब्लैक होल्स, पल्सर, आकाशगंगा और रेडिएशन आदि की स्टडी करेगा। इसका पूरा नाम एक्स-रे पोलारिमीटर सैटेलाइट है।
#WATCH | ISRO scientists Amit Kumar Patra, Victor Joseph, Yashoda, and Srinivas visit Tirumala Sri Venkateswara temple ahead of the launch of PSLV-C58/EXPOSAT mission, which is scheduled at 09:10 hrs IST on Monday, 1st January 2024. The launch is planned from Satish Dhawan Space… pic.twitter.com/Q6hOEMn4Cf
— ANI (@ANI) December 31, 2023
लॉन्चिंग काउंटडाउन शुरू
PSLV-C58 को सोमवार, एक जनवरी की सुबह 9 बजकर 10 मिनट पर लॉन्च किया जाएगा। यह लॉन्चिंग पीएसएलवी रॉकेट सीरीज की 60वीं लॉन्चिंग है। इस सैटेलाइट की लाइफ पांच साल की है। लॉन्चिंग का काउंटडाउन शुरू हो गया है।
![XPoSat Mission XPoSat Mission](https://images.naisadi.com/uploadimage/library/16_9/16_9_5/IMAGE_1704009590.webp)
वैज्ञानिकों ने वेंकटेश्वर मंदिर में की पूजा
लॉन्चिंग से पहले वैज्ञानिकों ने तिरुपति में भगवान वेंकटेश्वर की पूजा अर्चना की। वैज्ञानिक अमित कुमार पात्रा, विक्टर जोसेफ, यशोदा और श्रीनिवास ने इस मिशन में अहम भूमिका निभाई है।
![XPoSat Mission XPoSat Mission](https://images.naisadi.com/uploadimage/library/16_9/16_9_5/IMAGE_1704009618.webp)
22 मिनट में अपने ऑर्बिट में पहुंचेगा सैटेलाइट
इसरो ने XPoSat Mission की शुरुआत 2017 में की थी। इस मिशन पर 9.50 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। लॉन्चिंग के करीब 22 मिनट बाद ही एक्सपोसैट सैटेलाइट अपने ऑर्बिट में पहुंच जाएगा।
![XPoSat Mission XPoSat Mission](https://images.naisadi.com/uploadimage/library/16_9/16_9_5/IMAGE_1704009651.webp)
पोलिक्स सैटेलाइट मुख्य पेलोड
एक्सपोसैट सैटेलाइट में दो पेलोड्स लगाए गए हैं। पहला पोलिक्स (POLIX) और दूसरा एक्सपेक्ट (XSPECT)। पोलिक्स मुख्य पेलोड है। जिसे रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट और यूआर राव सैटेलाइट सेंटर ने संयुक्त रूप से बनाया है।
यंत्र का वजन 126 किलोग्राम है। यह अंतरिक्ष में स्त्रोतों के चंबुकीय फील्ड, रेडिशन, इलेक्ट्रॉन्स आदि की स्टडी करेगा। वहीं, पोलिक्स अंतरिक्ष में मौजूद 50 में से 40 सबसे ज्यादा चमकदार चीजों का अध्यन करेगा।