Raghuram Rajan Remarks on Indian Youth Migration: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों का विरोध करने वाले भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने बुधवार को एक और बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में भारतीय युवा अपना व्यवसाय स्थापित करने के लिए विदेश जा रहे हैं। क्योंकि वे भारत में खुश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि युवा भारतीयों में 'विराट कोहली मानसिकता' है और वे उन स्थानों पर चले जाते हैं] जहां उन्हें बाजारों तक पहुंच बहुत आसान लगती है।

दरअसल, पूर्व गवर्नर ने विराट कोहली का नाम इसलिए लिया, क्योंकि पिछले महीने जब अनुष्का ने बेटे को जन्म दिया तो दोनों लंदन में थे। यह भी खबरें सामने आई कि अनुष्का और विराट हमेशा के लिए लंदन में शिफ्ट होने वाले हैं। हालांकि अभी क्रिकेटर और अभिनेत्री की तरफ से इसकी पुष्टि नहीं की गई है। 

हम दुनिया में किसी से पीछे नहीं
रघुराम राजन ने कहा कि मुझे लगता है कि एक युवा भारत है, जिसकी मानसिकता विराट कोहली जैसी है। जब राजन से पूछा गया कि बहुत सारे भारतीय इनोवेटर्स अब सिंगापुर या सिलिकॉन वैली जा रहे हैं तो उन्होंने कहा कि हम दुनिया में किसी से पीछे नहीं हैं। अर्थशास्त्री ने कहा कि मानव पूंजी में सुधार और उनके कौशल सेट को बढ़ाने पर ध्यान देने की जरूरत है।

राजन ने कहा कि हमें यह पूछने की जरूरत है कि ऐसा क्या है जो उन्हें भारत के अंदर रहने के बजाय भारत से बाहर जाकर बसने के लिए मजबूर करता है? लेकिन वास्तव में जो बात दिल को छू लेने वाली है वह इनमें से कुछ उद्यमियों से बात करना और दुनिया को बदलने की उनकी इच्छा को देखना है और उनमें से कई भारत में रहकर खुश नहीं हैं। 

रघुराम राजन जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में '2047 तक भारत को एक उन्नत अर्थव्यवस्था बनाना: इसमें क्या होगा' विषय पर एक सम्मेलन में बोल रहे थे। 

जीडीपी के आंकड़ों में गड़बड़ी को दूर करें
राजन ने कहा कि भारत लोकतंत्र से मिलने वाले लाभ उठा नहीं पा रहा है। यही कारण है कि मैंने 6 प्रतिशत की वृद्धि की बात कही। अगर आपको पता करना है कि हम अभी क्या हैं तो जीडीपी के आंकड़ों में गड़बड़ी को दूर करें। हम 6 प्रतिशत जनसांख्यिकीय लाभांश के बीच में है। यह चीन और कोरिया के जनसंख्या लाभ से काफी कम है। जब हम कहते हैं कि यह बहुत अच्छा है तो हम उलझ रहे हैं। ऐसा इसलिए नहीं है कि हम जनसांख्यिकीय लाभांश खो रहे हैं, बल्कि ऐसा इसलिए है क्योंकि हम लोगों को नौकरी नहीं दे रहे हैं।

चिप निर्माण पर अरबों डॉलर खर्च करने की जरूरत नहीं
रघुराम राजन ने चिप निर्माण पर भारत की ओर से अरबों डॉलर खर्च करने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इन चिप विनिर्माण कारखानों को सब्सिडी देने के लिए कई अरब डॉलर खर्च किए जाने हैं जबकि दूसरी ओर कई रोजगार देने वाले क्षेत्र अच्छा नहीं कर रहे हैं। लेकिन उन पर किसी का ध्यान नहीं है।